डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक बड़े फैसले में महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा के 12 भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायकों के एक साल के निलंबन को 'असंवैधानिक और मनमाना' करार देते हुए रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 12 विधायकों को साल भर के लिए सदन की कार्यवाही से स्थगित करने के फैसले को असंवैधानिक और अनुचित ठहराया.
 
निलंबन को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 5 जुलाई, 2021 को महाराष्ट्र विधानसभा का प्रस्ताव अवैध और विधानसभा की शक्तियों से परे था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा के 12 बीजेपी विधायकों को जुलाई 2021 में हुए बचे हुए सत्र की अवधि के बाद निलंबित करने का प्रस्ताव असंवैधानिक है.

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पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में बीजेपी विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. बाद में बीजेपी विधायकों ने अपने निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बीजेपी भाजपा के 12 निलंबित विधायक संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलावनी, हरीश पिंपले, राम सतपुते, विजय कुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और किर्ति कुमार भांगड़िया हैं.

क्या बोले Devendra Fadnavis?

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम अपने 12 विधायकों के निलंबन को रद्द करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कह रहे हैं. मॉनसून सत्र के दौरान ये विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में ओबीसी के हक के लिए लड़ रहे थे.
 
क्या था वकीलों का तर्क?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जब 12 विधायकों ने कथित अभद्र आचरण के लिए विधानसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी कोर्ट में कुछ लोगों की ओर कोर्ट में पेश हुए थे. उन्होंने कोर्ट से कहा कि बिना सुनवाई के सदन के फैसले में प्राकृतिक न्याय का अभाव है और यह बेहद तर्कहीन है. स्पीकर एक साल के लिए एक विधायक को बाहर नहीं कर सकते. यह गलत फैसला है.

दूसरे याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने भी कहा कि निलंबन का इरादा अनुशासन के लिए होना चाहिए था. दलीलों के दौरान, जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच ने कहा कि 12 विधायकों का निलंबन प्रथम दृष्टया असंवैधानिक था. 

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Supreme Court quashes suspension 12 BJP MLAs from Maharashtra Assembly unconstitutional and arbitrary
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असंवैधानिक है Maharashtra के 12 BJP विधायकों के निलंबन का फैसला: SC
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सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
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सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

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असंवैधानिक है Maharashtra के 12 BJP विधायकों के निलंबन का फैसला, Supreme Court ने क्यों कहा?