डीएनए हिंदीं: साल 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार बनने के एक साल बाद यानी 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई. इसके तहत कुल चार राउंड की प्रतियोगिता के ज़रिए 100 शहरों का चयन किया गया है जिनके विकास के लिए केंद्र सरकार आर्थिक सहायता देती है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरों में बिजली, पानी और सड़क की सुविधाओं को बेहतर करने और शिक्षा, डिजिटलाइजेशन, बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम और अच्छे पर्यावरण पर ध्यान दिया जाता है. इस योजना के लिए मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल करने में तमिलनाडु राज्य सबसे आगे है. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है.
रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्ट सिटी मिशन के लिए जारी होने वाले पैसों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के मामले में तमिलनाडु सबसे आगे है. तमिलनाडु ने केंद्र सरकार की ओर से जारी 4333 करोड़ रुपये में से 3932 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश 3142 करोड़ रुपये के केंद्रीय शेयर में से 2699 करोड़ रुपये के उपयोग के साथ दूसरे स्थान पर है.
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30 हजार करोड़ रुपये जारी कर चुकी है केंद्र सरकार
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) को लॉन्च किया था. जनवरी 2016 से जून 2018 तक 4 राउंड की प्रतियोगिता के माध्यम से 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया गया. एससीएम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार इन शहरों के विकास के लिए वित्तीय सहायता देती है. राज्य सरकार या शहरी स्थानीय निकाय द्वारा मिलान के आधार पर एक समान राशि का योगदान दिया जाएगा.
8 जुलाई 2022 तक, केंद्र ने 100 स्मार्ट शहरों के लिए 30,751.41 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 27,610.34 करोड़ रुपये (90 प्रतिशत) खर्च भी किए जा चुके हैं. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित राज्यों ने भी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजनाओं पर बड़ी रकम खर्च की है.
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जून 2023 तक पूरी हो जाएंगी परियोजनाएं
कर्नाटक ने 2618 करोड़ रुपये की में से 2420 करोड़ खर्च किए हैं. वहीं, महाराष्ट्र ने केंद्र की ओर से जारी कुल 2454 करोड़ रुपये में से 2453 करोड़ रुपये का उपयोग कर लिया है. 8 जुलाई 2022 तक, इन स्मार्ट शहरों ने 1,90,660 करोड़ रुपये की 7,822 परियोजनाओं को निविदा दी है. 1,80,996 करोड़ रुपये की 7,649 परियोजनाओं में कार्य आदेश जारी किए गए हैं. 66,912 करोड़ रुपये की 4,085 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. एससीएम के कार्यान्वयन की अवधि जून 2023 तक है और सभी स्मार्ट शहरों से निर्धारित समय के भीतर अपनी परियोजनाओं को पूरा करने की उम्मीद है.
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Smart City Fund खर्च करने में तमिलनाडु सबसे आगे, जानिए बाकी के राज्यों ने कितना किया काम?