डीएनए हिंदी: मनी लॉन्ड्रिंग केस में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के इस्तीफे की बातों के बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने अनिल देशमुख के इस्तीफे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. पार्टी ने कहा है कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा (Anil Deshmukh resignation) लेना एक 'गलती' थी. इसके साथ ही शिवसेना ने कहा है कि नवाब मलिक का इस्तीफी नहीं लिया जाएगा.
जल्दबाजी में लिया गया इस्तीफा
दरअसल, शिवसेना से राज्यसभा सांसद राउत (Shiv Sena MP Raut) ने कहा कि हमने देशमुख के खिलाफ उपलब्ध सबूतों को देखा है, उनका इस्तीफा जल्दबाजी में (अप्रैल 2021 में) लिया गया था और यह एक गलती थी. उन्हें निशाना बनाया गया और CBI और ED जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ खुला छोड़ दिया गया. उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
नवाब मलिक का नहीं होगा इस्तीफा
इसके साथ ही नवाब मलिक के इस्तीफे के प्रश्नों को लेकर संजय राउत ने दोहराया कि इस्तीफा नहीं ही लिया जाएगा. गौरतलब है कि भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) कास्कर के साथ एक दागी भूमि सौदे से उत्पन्न कथित धन शोधन मामले में फरवरी में ED द्वारा मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया था. संजय राउत ने कहा, "इस्तीफा लेने या बर्खास्त करने का 'बिल्कुल कोई सवाल ही नहीं है."
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रडार में हैं कई नेता
देशमुख और मलिक के अलावा, शिवसेना-एनसीपी के कम से कम आधा दर्जन अन्य नेता विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं, जिनके खिलाफ जांच चल रही है. वह पार्टी के आउटरीच कार्यक्रम के तहत राज्य के पूर्वी विदर्भ क्षेत्र में शुरू किए गए शिवसेना के 3 दिवसीय जनसंपर्क कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे.
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