डीएनए हिंदी: अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत और एनसीपी (NCP) में पड़ी दरारों के बीच एनसीपी मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) लगातार महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम अजित पवार पर हमलावर हैं. उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे. इस दौरान उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया है. शरद पवार ने स्वीकारा है कि वह पहले कई बार बीजेपी सरकार में शामिल होने के लिए प्रयास किए थे. उन्होंने बताया कि बीजेपी से उनकी 2014 और 2019 दोनों ही चुनावों में बातचीत हुई थी, लेकिन विचारधारा के चलते मामला अटक गया था.
एनसीपी मुखिया शरद पवार ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और एनसीपी में फूट को लेकर बड़ा बयान दिया गया है. उन्होंने कहा है कि उनकी 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी के साथ बातचीत हुई थी लेकिन विचारधारा अलग होने से बातचीत आगे नहीं बढ़ी. अजित पवार को लेकर शरद पवार ने कहा कि वह 82 साल की उम्र में भी काम कर सकते हैं.
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न टायर्ट न ही रिटायर्ड
गौरतलब है कि अजित पवार ने शरद पवार की उम्र को लेकर कमेंट किया था, और रिटायरमेंट लेने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उनके चाचा रिटायरमेंट ले लें और NCP की कमान उन्हें सौंप दें. शरद पवार ने अब इस मामले में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपयी के शब्द न टायर्ड न रिटायर्ड कह कर बॉल फिर से अजित पवार के पाले में डाल दी है.
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शरद पवार ने कहा है कि ना टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं. उन्होंने कहा है कि वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है. उन्होंने कहा है कि मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले वे कौन होते हैं? मैं अभी भी काम कर सकता हूं.
BJP के साथ गठबंधन के किए थे प्रयास
शरद पवार ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी बयान दिया है. उन्होंने बताया कि वह कई बार बीजेपी के साथ जाने को लेकर बातचीत कर चुके हैं. शरद पवार ने बताया कि हमने 2014, 17 और 19 में भाजपा के साथ चर्चा की थी लेकिन मैंने तय किया था कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि हम विचारधारा पर सहमत नहीं हैं. इसलिए हमने चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं किया क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं कभी भी भाजपा के साथ नहीं गया.
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अजित पर बरसे चाचा शरद पवार
हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने और एनसीपी में फूट डालने वाले अजित पवार को लेकर कहा कि अजीत को 4 बार उप मुख्यमंत्री बनाया गया, उन्हें मंत्रालय दिए गए, चुनाव हारने के बावजूद प्रफुल्ल पटेल को यूपीए में मंत्री बनाया गया. पी ए संगमा की बेटी जैसे अन्य लोगों को मंत्री बनाया गया लेकिन सुप्रिया को नहीं. क्या ये वंशवाद है? फिर क्या अजीत यह कह रहे हैं यह गलत है.
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बता दें कि अजित पवार ने हाल ही में एनसीपी में चाचा के खिलाफ ही बगावत कर दी थी. महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में अजित पवार बीजेपी का समर्थन करते हुए अपने विधायकों के साथ डिप्टी सीएम बन गए थे. इसके अलावा एनसीपी में अजित पवार के सात ज्यादा नेताओं का समर्थन हैं. एनसीपी कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी बीजेपी अजित पवार के साथ आ गए. अजित पवार ने खुद को एनसीपी अध्यक्ष घोषित कर दिया है.
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BJP के साथ सरकार में शामिल होना चाहते थे शरद पवार, खुद बताया कब-कब की थी बातचीत की कोशिशें