डीएनए हिंदी: स्कूल एक बच्चे की जिंदगी पर गहरी छाप छोड़ता है. यही वह जगह होती है जहां से एक बच्चे की जिंदगी की बुनियाद पड़ती है. अगर इस बुनियाद पर ध्यान न दिया जाए तो आगे आप कितनी भी मेहनत कर लें ढांचे में वह मजबूती नहीं ला सकते. यही वजह है कि आजकल पैरेंट्स अपने बच्चे के लिए ऐसे स्कूल ढूंढने लगे हैं जिनमें केवल पढ़ाई पर नहीं बल्कि पूरी पर्सनैलिटी की ग्रोथ पर फोकस किया जाता है.
स्कूलों में ऐसा माहौल बनाया जाता है जहां बच्चे का भावनात्मक, सामाजिक, नैतिक और अकादमिक विकास हो. यहां पढ़ाई लिखाई के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाता है. बच्चों को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह अपनी किसी भी समस्या या विचार को लेकर झिझके नहीं. खुल कर अपने टीचर या पैरेंट से बात करें. उन्हें खुद पर विश्वास हो साथ ही साथ उन पर भी भरोसा हो जिनसे वह बात करना चाहता है. कई दफा होता है कि बच्चे आत्मविश्वास की कमी के चलते कम बोलते हैं और फिर धीरे-धीरे पीछे छूटते चले जाते हैं. बच्चों में इसी कमी को दूर करने के लिए स्कूलों में संपूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है.
इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. सरकारी स्कूलों में अलग तरह से ये तरीके अपनाए जा रहे हैं वहीं प्राइवेट स्कूलों में इनके लिए अलग प्लान बनाए जा रहे हैं. स्कूलों की ब्रांडिंग ही इस तरह हो रही है क आपका बच्चा अगर यहां आएगा तो एक अच्छा इंसान बनकर ही निकलेगा. बैंकिंग सेक्टर की नामी कंपनी HDFC ऐसा एक स्कूल चलाती है.
यह स्कूल गुड़गांव में है और बच्चों को बेहतर माहौल देने के दिशा में काम कर रहा है. एक ऐसा माहौल जहां बच्चे खुद को पहचान सकें और सही दिशा में आगे बढ़ें. यहां बच्चों की कमियों, खूबियों और उनके हुनर पर ध्यान दिया जाता है और कोशिश की जाती है कि वह एक्सपेरिमेंट करने से हिचके नहीं.
ये भी पढ़ें:
1- Hijab Row: मुस्लिम छात्राओं के लिए 10 साल पहले बना था अलग ड्रेस कोड, NIFT ने डिजाइन की थी ड्रेस
2- माता-पिता ने स्कूल जाने को कहा तो 10वीं की छात्रा ने कर ली आत्महत्या
- Log in to post comments
स्कूल में पढ़ाई ही नहीं Mental Health पर ध्यान देना भी है जरूरी