डीएनए हिंदी: रूस (Russia) के हमले में अब यूक्रेन (Ukraine) के आम नागरिक मारे जा रहे हैं. युद्धग्रस्त देश में अपने घायल नागरिकों की सेवा में जुटी एक लड़की भी रूसी टैंक के हमले में मारी गई है. रूसी टैंकों के चपेट में वह तब आई जब मां के लिए दवा की तलाश में बाहर गई थी.
31 वर्षीय लेरा मकसेत्सका (Lera Maksetska) एक सामाजिस संस्था के लिए काम करती थीं. यह संस्था अमेरिकी सहायता से यूक्रेन के युद्धग्रस्त लोगों की सेवा कर रही है. लेरा अपनी मां के लिए दवा लेने निकलीं थी तभी रूसी टैंको ने उनकी कार पर गोलीबारी शुरू कर दी. कार में मकसेत्सका, उनकी मां और यारोस्लाव नाम के एक शख्स की भी मौत हो गई.
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केमोनिक्स के सीईओ जेमी बुचर ने यह जानकारी शेयर की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'यह सभी अर्थहीन मौते हैं. प्लीज रेला, यारोस्लाव और इरिना को याद करें. ये लोग हमारे हीरो हैं.'
This is my staff member Valeriia (Lera) Maksetska 🇺🇦. She was killed in a village west of Kyiv while trying to get medication for her sick mother. pic.twitter.com/Zbm4prqFRv
— Jamey Butcher (@jameybutcher) March 9, 2022
लेरा मकसेत्सका की सहयोगी सामंथा पावर ने भी उनकी मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'लेरा एक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी थीं. जब कीव में रूसी सेना ने घुसपैठ किया तो वह भाग सकती थीं. वह दूसरों की मदद के लिए रुकी रहीं. जब उनकी मांग इरिना की दवा खत्म हुई तो वह बाहर निकलीं. रूसी काफिला के गुजरने के इंतजार में तीनों कार में बैठकर इंतजार कर रहे थे, तभी एक रूसी टैंक ने उन्हें उड़ा दिया.'
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I'm enormously sad to share the death of Valeriia "Lera" Maksetska—proud Ukrainian, beloved @USAID implementing partner & brilliant, compassionate leader on building social cohesion & fighting disinformation.
— Samantha Power (@PowerUSAID) March 9, 2022
She was killed by the Russian military just shy of her 32nd birthday. pic.twitter.com/ZoMJJN2CJW
सामंथा पावर ने कहा कि वह खुशमिजाज लड़की थी. उसने अपनी जिंदगी यूक्रेन के नाम कर दी. लेरा ने मौत से पहले लिखा था कि जब कीव पर हमला हुआ वह हिंसक कार्रवाई पर गुस्सा हुई थी. उसे अपने यूक्रेनियन होने पर गर्व है, जहां भरोसा बेहद अहम है.
समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक रूस और यूक्रेन के हमले में हजारों नागरिक मारे गए हैं. 25 लाख से ज्यादा लोग पड़ोसी देशों में पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. मारियुपोल में रूस के हमले में करीब 1,500 लोग मारे गए हैं.
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Ukraine Crisis: बीमार मां के लिए दवा खोजने निकली थी लड़की, रूसी टैंकों ने उड़ाया