डीएनए हिंदीः छात्र आंदोलन के इतिहास पर पहली पुस्तक का विमोचन आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabole) करेंगे. ABVP के 75 वर्षों की यात्रा पर दो खंडों में प्रकाशित हो रही पुस्तक ध्येय-यात्रा : ABVP की ऐतिहासिक जीवनगाथा का विमोचन 15 अप्रैल, 2022 को दिल्ली के डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सभागार में किया जाएगा. इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर रहेंगे.
ABVP की स्थापना 9 जुलाई, 1949 में हुई थी. पिछले सात दशकों में, देश के हर जनहितकारी आंदोलन एवं जनकल्याणकारी कार्यों में ABVP अपनी भूमिका निभाता रहा है. यह पुस्तक, अभाविप के रचनात्मक, आंदोलनात्मक एवं प्रतिनिधित्वात्मक कार्यशैली से 'राष्ट्र-पुनर्निर्माण' के कार्य में संगठन द्वारा निभाई गई अपरिहार्य भूमिका का आलेख है. वर्तमान में ABVP 3900 से अधिक इकाइयों, 2331 संपर्क स्थानों , 21 हज़ार शैक्षणिक परिसरों में एक्टिव है. करीब 32 लाख कार्यकर्ताओं वाला ABVP आज दुनिया के सबसे सशक्त छात्र संगठन के रूप में उभरा है.
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यह पुस्तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के स्थापन, वैचारिक अधिष्ठान, संगठन के स्वरूप एवं विकास क्रम, छात्र आंदोलन की रचनात्मक दिशा, राष्ट्रहित में साहसिक प्रयास, राष्ट्रीय - शैक्षिक एवं सामाजिक मुद्दों पर अभाविप का विचार, छात्र नेतृत्व, आयाम कार्य, प्रभाव, उपलब्धियों एवं वैश्विक पटल पर संगठन जैसे विषयों को अपने दोनों खंडों में समाहित करता है. अभाविप इस वर्ष अपने 75वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है और यह पुस्तक 75 वर्षों के सुनहरे इतिहास का उल्लेख करती है.
इस पुस्तक में इतिहास के बहुत से विशेष कालखंडों का उल्लेख किया गया है जिसमें युवाओं की विशेष भूमिका रही है. कश्मीर काल खंड, इमरजेंसी का दौर, बांग्लादेश घुसपैठ आंदोलन, चिकन नेक आंदोलन, नक्सलवाद की समस्या जैसे कई महत्वपूर्ण इतिहास की घटनाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है जिनका वर्तमान राष्ट्रीय विमर्श में भी प्रभाव देखा जा सकता है.
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ABVP के पूर्व कार्यकर्ताओं की सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं. देश के गृह मंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अभाविप का हिस्सा रह चुके हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पद्मश्री अशोक भगत, कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा, अभिनेता पंकज त्रिपाठी समेत देश के दिग्गज नाम ABVP के कार्यकर्ता रह चुके हैं. सभी वर्तमान एवं पूर्व कार्यकर्ताओं में इस पुस्तक को लेकर उत्सुकता देखी जा सकती है और विमोचन कार्यक्रम में अतिथियों के अलावा कई दिग्गज नाम देखे जा सकते हैं.
पुस्तक के संपादक मनोज कांत ने कहा कि यह पुस्तक अभाविप के 70 वर्ष के इतिहास का ग्रंथ है जिसे शोधार्थी छात्र आंदोलन पर शोध के लिए उपयोग कर सकेंगे. समय समय पर शिक्षा क्षेत्र में कैसे परिवर्तन आए और विद्यार्थी परिषद ने क्या भूमिका निभाई वो इस पुस्तक में उल्लेखित है. यह पुस्तक मनुष्य निर्माण की उत्कृष्ट प्रक्रिया को उल्लेखित करती है. युवा पीढ़ी को अगर आशान्वित होना है तो वह इस पुस्तक को पढ़ें और जाने की कैसे 70 वर्षों के प्रयास से आने वाली पीढ़ियां राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही हैं.”
(इनपुट - रवि त्रिपाठी)
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ABVP के इतिहास पर किताब का विमोचन करेंगे RSS के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले