डीएनए हिंदी: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज देश को संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है. सन 1950 में आज ही के दिन हम सब की इस गौरवशाली पहचान को औपचारिक स्वरूप प्राप्त हुआ था.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर साल गणतंत्र दिवस के दिन हम अपने गतिशील लोकतंत्र तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं. महामारी के कारण इस वर्ष के उत्सव में धूम-धाम भले ही कुछ कम हो परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है. आइए आपको बताते हैं राष्ट्रपति के भाषण की बड़ी बातें.
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- गणतंत्र दिवस (Republic Day) ‘हमारी भारतीयता’ का जश्न मनाने का अवसर है. लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व वह आधारशिला है, जिस पर हमारा गणतंत्र खड़ा है.
- गणतंत्र दिवस का दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया.
- कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी मानव जाति के लिए एक असाधारण चुनौती रही है. मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमने कोरोना वायरस के खिलाफ एक बेजोड़ संकल्प दिखाया है. हमें सतर्क रहना चाहिए और कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. चिकित्सकों, नर्सों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने जीवन को खतरे में डालकर लंबे समय तक काम किया.
- महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है. संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं.
- हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है.
- इस प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन के पीछे कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान है. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हमारे किसान, विशेषकर छोटी जोत वाले युवा किसान प्राकृतिक खेती को उत्साह-पूर्वक अपना रहे हैं.
- विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है. यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं.
- सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है. अब नए क्षेत्रों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा आरंभ हो गई है. हमारी बेटियों ने सभी बाधाओं को पार कर लिया है और अब सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की अनुमति दी गई है.
- भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत आज बेहतर स्थिति में है. भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना जारी रखेगा और वैश्विक समुदाय में अपनी क्षमता के अनुरूप अपना सही स्थान हासिल करेगा.
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