Ratan Tata Passes Away: जाने-माने उद्योगपति और 38,000 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिट्स रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया है. जी न्यूज के मुताबिक, 86 साल के रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां उन्हें दो दिन पहले तबीयत खराब होने पर भर्ती कराया गया था. हालांकि सोमवार को रतन टाटा के सोशल मीडिया हैंडल से उनकी तबीयत को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को गलत बताया गया था, लेकिन बुधवार को उनके पारिवारिक सूत्रों ने रतन टाटा की तबीयत वास्तव में खराब होने की पुष्टि की थी. इन सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि रतन टाटा को आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर है. इसके बाद देर रात उनके निधन की खबर आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताया है. उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ी हुई है.
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टाटा ग्रुप ने की निधन की पुष्टि
टाटा ग्रुप (Tata Group) ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि कर दी है. ग्रुप ने उनके निधन को लेकर बयान जारी करते हुए कहा है कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है. रतन टाटा ने टाटा समूह को ही नहीं बल्कि देश को भी आगे बढ़ाया है. उधर, उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वे ईमानदारी, नैतिकता और परोपकार की मिसाल थे, जिसने बिजनेस और उससे अलग भी दुनिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ी थी.
— Tata Group (@TataCompanies) October 9, 2024
अपने नेतृत्व में टाटा ग्रुप को दिखाई नई राह
रतन टाटा को टाटा ग्रुप का नेतृत्व करते समय न्यू विजन देने के लिए जाना जाता है. नमक-मसाले से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक के क्षेत्र में अपनी पहचान रखने वाले टाटा ग्रुप ने रतन टाटा को नेतृत्व में ही आईटी और डिजिटल फील्ड में प्रवेश किया था. रतन टाटा 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. उन्होंने 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियों की शुरुआत की थी. वह 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे. हालांकि इसके बाद भी वह चेयरमैन एमेरिट्स (मानद चेयरमैन) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. साथ ही वह टाटा ट्रस्ट के भी चेयरमैन थे.
Shri Ratan Tata Ji was a visionary business leader, a compassionate soul and an extraordinary human being. He provided stable leadership to one of India’s oldest and most prestigious business houses. At the same time, his contribution went far beyond the boardroom. He endeared… pic.twitter.com/p5NPcpBbBD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2024
भारत रत्न देने की हो रही थी मांग
रतन टाटा रिटायरमेंट के बाद परोपकार के क्षेत्र मे जुटे हुए थे. इसके लिए उन्हें कई बार देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग उठ चुकी थी. इससे पहले उन्हें पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुके हैं.
शिमला में बीता था स्कूली जीवन
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था. अपने बचपन के शुरुआती 10 साल एक अनाथालय में बिताने के बाद उन्हें टाटा परिवार ने गोद लिया. इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई पूरी की थी. एक अरबपति होने के बावजूद बेहद सादगी भरी जिंदगी जीने और लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाले व्यक्ति के तौर पर उन्हें जाना जाता है.
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भारत के 'रतन' ने ली आखिरी सांस, 86 साल की उम्र में Ratan Tata का निधन