Ramban Landslide: जम्मू-कश्मीर के जिला रामबन में भी उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह पहाड़ अचानक धंसना शुरू हो गया है. गुरुवार को शुरू हुआ धंसाव शनिवार को अचानक बहुत बड़े इलाके में फैल गया है. करीब 1 किलोमीटर के दायरे में पहाड़ के अचानक धंसने के चलते अब तक 50 से ज्यादा घर ध्वस्त हो गए हैं, जबकि कई जगह बिजली के टावर गिर गए हैं. टावर गिरने से पूरे इलाके में बिजली गुल हो गई है. स्थानीय प्रशासन ने NDRF और SDRF को बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करा दिया है. अब तक 300 से ज्यादा लोग रेस्क्यू करने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट कर दिए गए हैं. बाकी लोगों को भी शिफ्ट करने का काम जारी है. रामबन-गूल रोड पर भी धंसाव के कारण आवाजाही बंद हो गई है, जिससे यह इलाका बाकी जगह से एक तरीके से कट गया है. पहाड़ के अचानक धंसने का कारण अब तक पता नहीं चला है, लेकिन इसके लिए राज्य और केंद्रीय स्तर से एक्सपर्ट टीमें पहुंचने लगी हैं.
#WATCH | J&K: Continuous landslide in Pernote Village of Ramban District has caused damage to roads, houses, and power lines. The affected villagers have been shifted to Panchayat Ghar and the administration is taking care of them, medical facilities and food have been provided.… pic.twitter.com/MLwVW6EKcd
— ANI (@ANI) April 27, 2024
रामबन से 6 किमी दूर है प्रभावित इलाका
ANI के मुताबिक, जम्मू संभाग के रामबन जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर परनोट गांव के पास ककराला मोड़ पर पहाड़ अचानक धंस गया है. बेहद बड़े इलाके में हुए धंसाव के कारण सड़कें, घर और बिजली टावर सबकुछ ध्वस्त हो गया है. धंसाव से प्रभावित हुए ग्रामीणों को पंचायत घर और अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया है. जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें खाना-पानी मुहैया कराया जा रहा है. जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और हालात की लगातार निगरानी की जा रही है. गांव की पूर्व सरपंच कैलाशा देवी ने बताया कि गुरुवार शाम करीब 7 बजे सड़क में हल्की सी दरार दिखाई दी थी. इसके बाद रात करीब 10-11 बजे अचानक पूरी सड़क धंस गई और वहां बड़ा गड्ढा बन गया. इससे करीब 31 घर उसी ध्वस्त हो गए. कैलाशा देवी ने कहा, हमारी फसलों को भी नुकसान हुआ है. ग्रिड स्टेशन भी ध्वस्त हो गया है और अब हमारे घरों में बिजली नहीं है. यदि बारिश हुई तो हालात और खराब हो सकते हैं.
#WATCH | Ramban: Ex-Sarpanch Kalasha Devi says, "Yesterday at around 7 pm, first small cracks were seen in the roads. Right in front of us, the road sank almost a foot till 10-11 pm. Around 31 houses have been damaged... Our crops have also been damaged. The grid station has… pic.twitter.com/u6kg2vT3LM
— ANI (@ANI) April 26, 2024
रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी लगातार जारी
स्थानीय लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से पूरी मदद का भरोसा दिया गया है. रामबन के अपर उपायुक्त वरुणजीत सिंह चारक के मुताबिक, 50 से 55 परिवार इस घटना से प्रभावित हुए हैं. करीब 1 किलोमीटर के दायरे में सभी घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें से कुछ पूरी तरह गिर गए हैं. परिवारों को सूचना मिलते ही क्विक रिस्पॉन्स टीम की मदद से रेस्क्यू करके शिफ्ट कर दिया गया है. सभी की मदद की जा रही है. वरुणजीत ने कहा, रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF और स्थानीय NGO भी मदद कर रहे हैं.
इलाके की रिसर्च के लिए बुलाई हैं टीमें
अपर उपायुक्त वरुणजीत सिंह चारक के मुताबिक, इलाके में 3 टीवी टावर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं, जबकि चौथे को भी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ धंसने से खेती, बागबानी और इनसे जुड़ी अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं. हम यहां मेकशिफ्ट शेल्टर बना रहे थे, लेकिन लगातार बारिश के कारण वे बेकार हो गए हैं. वरुणजीत ने कहा, हमने संबंधित विभागों को यहां अपनी टीमें भेजकर रिसर्च कराने की अपील की है ताकि इस पूरी आपदा का कारण पता लगाया जा सके और इसे आगे बढ़ने से रोका जा सके.
महीनों तक बंद रह सकती है रामपुर-गूल रोड
जिला प्रशासन ने रामपुर-गूल रोड पर ट्रैफिक बंद कर दिया है. जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (GERF) के ऑफिसर कमांडिंग एसके गौतम ने कहा, गुरुवार शाम से सड़क में छोटे क्रैक बन रहे थे. इसके बाद सड़क ध्वस्त हो गई है. करीब 1000 से 1200 मीटर दूरी तक सड़क प्रभावित हुई है. कई जगह सड़क में 10-12 मीटर गहराई तक गड्ढे बन गए हैं. जमीन अब भी लगातार धंस रही है. ऐसे में फिलहाल सड़क को रिस्टोर करने का काम शुरू नहीं हो सका है. इससे सड़क अगले कई महीने बंद रह सकती है.
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जम्मू-कश्मीर में अचानक धंस गया 1 किमी दायरे में पहाड़, 50 घर गिरे, 300 लोग रेस्क्यू किए गए