डीएनए हिंदी: एक तरफ राजस्थान के करौली में धर्मिक यात्रा पर कट्टरपंथी लोगों ने पथराव कर समाज में नफरत घोलने की कोशिश की तो दूसरी ओर धर्म नगरी वाराणसी में अनूठी तस्वीर देखने को मिली है. यहां मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की न सिर्फ पूजा की बल्कि आरती भी उतारी. मुस्लिम महिलाओं का कहना था कि भगवान श्रीराम ही उनके वंशज हैं, इसलिए उन्हें किसी धर्म के खांचे में बांटना ठीक नहीं है.
मुस्लिम महिलाओं ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा करके उन कट्टरपंथियों को कड़ा जवाब दिया है, जो धर्म की आड़ में सियासत करते हैं. इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में लिखा भजन और आरती गायी. यहां मंदिर में फूलों से उर्दू में भी श्रीराम लिखा गया था.
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संकट मोचन मंदिर पर इस्लामी आतंकवादियों ने जब बम से धमाका कर सैकड़ों लोगों की सिर्फ जान ही नहीं ली बल्कि हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत और शक की दीवार खड़ी कर दी थी, तब विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में संकटमोचन मन्दिर जाकर मन्दिर परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ किया था, तब कहीं जाकर नफरत की आग कम हुई और सद्भावना और भरोसे का वातावरण बना.
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उसी समय से हर रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आरती मुस्लिम महिलाओं के लिए परंपरा बन गई. परंपरा का निर्वहन करते हुए रामनवमी पर रविवार को मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाओं ने हिन्दू महिलाओं के साथ मिलकर लमही के सुभाष भवन में भगवान श्रीराम एवं मां जानकी की विधि विधान से आरती की.
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Ram Navami 2022: मुस्लिम महिलाओं ने की भगवान राम की आरती, ऐसी है परंपरा