डीएनए हिंदी: राजस्थान में चल रहा सियासी घटनाक्रम (Rajasthan Political Crisis) थम नहीं रहा है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट एक बार फिर से एक-दूसरे के सामने नजर आ रहे हैं. राजस्थान में चल रहे इस सियासी संकट ने दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की टेंशन बढ़ा दी है. इस बीच पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और पूरे सियासी घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी.
मुलाकात के बाद अजय माकन ने बताया कि हमने राजस्थान के पूरे घटनाक्रम के बारे में सोनिया गांधी को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने इस मामले पर लिखित में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. हम आज रात या कल तक लिखित रिपोर्ट उन्हें सौंप देंगे. इसके बाद इसपर फैसला लिया जाएगा.
विधायकों ने रखी 3 शर्तें
अजय माकन ने कहा कि अशोक गहलोत के कहने पर रविवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. लेकिन बैठक से पहले ही विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कह दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से हमें आदेश मिला था कि सभी विधायकों से एक-एक कर बात करें. जब हमने एक-एक कर विधायकों से बात करना चाह तो विधायकों के प्रतिनिधि के रूप में धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उनसे मिलने आए. उन्होंने हमारे सामने 3 शर्तें रखीं.
#RajasthanPoliticalCrisis | 102 Gehlot loyalists had told us that someone among them must be made CM. We told them that their opinion would be presented before party chief & that no conditions are attached to resolutions passed; party chief decides after consultations: Ajay Maken pic.twitter.com/EnNesPJ6ti
— ANI (@ANI) September 26, 2022
102 विधायकों में से बनाया जाए CM
माकन ने बताया कि विधायकों ने पहली शर्त ये रखी, 'कांग्रेस अध्यक्ष को निर्णय लेने का अधिकार देने का प्रस्ताव पारित करना है तो बेशक ऐसा किया जाए, लेकिन उस पर फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए.माकन ने कहा कि इस पर मैंने जवाब दिया गहलोत अगर यह प्रस्ताव पेश करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पर सब निर्णय छोड़ दिए जाएं, तो इससे हितों का टकराव पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा, क्योंकि अब गहलोत खुद कह चुके हैं कि वे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे तो 19 अक्टूबर के बाद यदि वह खुद अध्यक्ष बन जाते हैं और अपने ही प्रस्ताव पर खुद को ही अधिकार देते हैं तो इससे बड़ा हितों का टकराव नहीं होगा. इसके बाद उन्होंने दूसरी शर्त ये रखी कि आप सभी विधायकों से ग्रुप में मिलिए. वहीं, तीसरी शर्त उनकी ये थी कि 102 विधायकों में से मुख्यमंत्री बनाया जाए.
गहलोत से हाईकमान नाराज
सीडब्ल्यूसी सदस्य और कांग्रेस के नेता ने कहा कि अशोक गहलोत ने जिस तरह का व्यवहार किया है उसको लेकर हाईकमान नाराज है. उन्होंने सीनियर लीडरशिप की परेशानी बढ़ाई है. यही कारण है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें अध्यक्ष के रूप में नहीं देखना चाहते. कांग्रेस के पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने अनुशंसा की है कि गहलोत को पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष न बनाया जाए.
ये भी पढ़ेंः सोनिया की भी बात नहीं मान रहे कांग्रेस विधायक? खाली हाथ दिल्ली लौट रहे माकन और खड़गे
गहलोत समर्थक विधायकों ने दिया इस्तीफा
दरअसल, अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद राजस्थान में नए सीएम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस मुद्दे पर रविवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. लेकिन बैठक से पहले ही गहलोत के उत्तराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट का नाम सामने आती ही पार्टी के कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि सीएम पद के लिए सचिन पायलट का नाम उन्हें मंजूर नहीं. इस मसले पर पर्यवेक्षक बनाकर दिल्ली से जयपुर भेजे मल्लिकार्जुन खडगे और अजय माकन ने सभी विधायकों से बात की लेकिन बात नहीं बनी.
ये भी पढ़ेंः Gehlot vs Pilot: राजस्थान संकट से खड़े हुए 10 बड़े सवाल, जवाब का सभी को इंतजार
गहलोत बनाम कांग्रेस हाईकमान मामला
इससे कांग्रेस (Congress) आलाकमान के पास दवाब और बढ़ गया है. गांधी परिवार के सामने अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है. हाईकमान ने भी साफ कह दिया है कि नाराज विधायकों को मांगों को नहीं माना जाएगा. ऐसे में पूरा मामला अब गहलोत और पायलट के बाद गहलोत बनाम कांग्रेस हाईकमान होता नजर आ रहा है. दरअसल पूरा विवाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के उस बयान के बाद शुरू हुआ जब उन्होंने 'वन मैन, वन पोस्ट' को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया. अशोक गहलोत ने भी राहुल गांधी के बयान के बाद कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे लेकिन जब मुख्यमंत्री की रेस में सचिन पायलट का नाम आगे आया तो गहलोत को यह मंजूर नहीं हुआ. इसी के बाद गहलोत समर्थकों के तेवर उग्र हो गए. कांग्रेस आलाकमान ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा लेकिन गहलोत गुट को इसकी भनक पहले ही लग गई. करीब 90 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Rajasthan Crisis: राजस्थान संकट पर सोनिया गांधी ने खड़गे और माकन से मांगी लिखित रिपोर्ट