डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेरिका दौरे पर हैं. वह अमेरिका में बैठकर भारत की लोकतंत्रिक खामियों को उजागर करने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि भारत में संस्थान नरेंद्र मोदी सरकार के कब्जे में है. उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर
राहुल गांधी ने कहा, 'भारत में संस्थानों और मीडिया को सत्ता ने कब्जे में ले लिया है. कर्नाटक का परिणाम सबने देखा, अब आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बात के 'संकेत' होंगे कि आगे क्या होने वाला है. लोगों के भीतर गुस्सा है.'
भारत जोड़ो यात्रा पर क्या कह रहे हैं राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने गुरुवार को नेशनल प्रेस क्लब में कहा, 'संस्था और प्रेस पर निश्चित रूप से सत्ता का कब्जा है. मुझे यकीन नहीं है कि मैं जो कुछ भी सुनता हूं, उस पर विश्वास नहीं करता. मैं पूरे भारत में घूमा, कन्याकुमारी से पैदल चला, कश्मीर तक पहुंचा और लाखों भारतीयों से सीधे बात की और वे बहुत खुश नहीं दिख रहे हैं.'
इसे भी पढ़ें- Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे विदेश में, शरद पवार से मिले एकनाथ शिंदे, क्या MVA में सेंध लगा रही NDA?
भ्रष्टाचार से लेकर बेरोजगारी तक का मुद्दा उठा रहे राहुल गांधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'लोग बहुत स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि वे बेरोजगारी, मूल्यवृद्धि के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं और मैंने लोगों में गुस्सा देखा. कर्नाटक चुनाव में लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और अगले तीन से चार चुनावों को देखना है. यह एक संकेतक होगा कि आगे क्या होने जा रहा है.'
कर्नाटक चुनावों पर क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर कहा, 'हम जमीन पर जो देखते हैं वह बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और कीमतों में नाटकीय वृद्धि है और यह एक कारण है कि हम कर्नाटक में जीते, क्योंकि भारत में यह भावना है कि ऐसे लोगों के एक समूह को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनके पास बड़ी मात्रा में संपत्ति है और दूसरी ओर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो गरीब हैं और जरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'
राहुल गांधी ने कहा, 'आय में भारी असमानता है, क्योंकि बेरोजगारी 40 साल के उच्चतम स्तर पर है. इसलिए यह कहना कि अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है, मैं इससे सहमत नहीं हूं. हम (कांग्रेस) इसे कैसे देखते हैं और भाजपा कैसे देखती है, इसके बीच मुख्य अंतर है.'
इसे भी पढ़ें- 'फर्जी-राष्ट्रवादी बीजेपी में देशभक्ति का जीरो सेंस', चीन को लेकर केंद्र सरकार पर भड़के मल्लिकार्जुन खड़गे
राहुल गांधी ने कहा, 'हम शक्ति के विकेंद्रीकरण में विश्वास करते हैं, हम छोटे और मध्यम उद्योगों में विश्वास करते हैं, क्योंकि भारत में वे ही विकास के इंजन हैं.'
2024 के लोकसभा चुनावों पर क्या है राहुल गांधी का इशारा?
भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में पूछे जाने पर और यह कि कांग्रेस सत्ता में आने पर क्या करेगी, उन्होंने कहा, 'भारत में पहले से ही एक बहुत मजबूत प्रणाली है. अगर लोकतांत्रिक तरीके से बातचीत को बढ़ावा दिया जाएगा तो ये मुद्दे अपने आप सुलझ जाएंगे.'
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने सबसे पहले उन स्वतंत्र संस्थानों की परिकल्पना की, उन्हें मजबूत किया. अब उन्हें कमजोर किया जा रहा है. राहुल गांधी इससे पहले स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान दे चुके हैं और सैन फ्रांसिस्को में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत भी कर चुके हैं.
इसे भी पढ़ें- 'ध्रुवीकरण करती है BJP, भारत को पहुंच रहा नुकसान,' अमेरिका में राहुल के निशाने पर मोदी सरकार
ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ विदेशी जमीन से रणनीति तैयार कर रहे हैं. वह भारत के मुद्दों को वैश्विक मंचों से उठा रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों की खाका, वह अमेरिका में ही तैयार कर चुके हैं. कई राजनीति के जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी ने जो अमेरिका में कहा है, उसे ही आधार बनाकर 2024 के लिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर काम करेगी. केंद्र की खामियों पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी. कांग्रेस ने मोदी सरकार का काउंटर नैरेटिव ढूंढ लिया है. कांग्रेस अब कर्नाटक फॉर्मूले पर आगे बढ़ती नजर आ रही है. (इनपुट: IANS)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
अमेरिका में बैठकर 2024 में जीत का फॉर्मूला तैयार कर रहे राहुल गांधी, क्या चुनावों के लिए रणनीति बदलेगी कांग्रेस?