डीएनए हिंदी: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन (Farmer Protest) के खत्म होने के बाद अब किसान अलग-अलग मांगों को लेकर पंजाब में आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन दौरान मारे गए लोगों के परिजनों के लिए पूरी तरह से कर्जमाफी (Loan Waiver) और मुआवजे की मांग करते हुए किसान लगातार रेल (Rail) रोक रहे हैं.
किसानों मंगलवार को दूसरे दिन भी अलग-अलग जगहों के रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और गाड़ियों की आवाजाही रोक दी. किसानों के धरने की वजह से 156 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. लगातार ट्रेन रोके जाने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
फिरोजपुर डिवीजन के रेलवे अधिकारियों ने कहा, '84 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 47 को निर्धारित रूट से पहले रोक दिया गया और 25 को निर्धारित से कम दूरी के बीच संचालित किया गया.'
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क्यों धरने पर बैठे हैं किसान?
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में यह आंदोलन चल रहा है. किसानों ने सोमवार को आंदोलन शुरू कर कर्जमाफी के अलावा उन लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की जो साल भर से चल रहे कृषि विरोधी कानून आंदोलन के दौरान मारे गए थे. किसानों की यह भी मांग है कि उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले रद्द किए जाएं.
क्या है किसानों की मांगें?
प्रदर्शनकारी किसान फसलों के लिए 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, गन्ना फसलों का बकाया भुगतान जारी करने और ठेका व्यवस्था खत्म करने की भी मांग कर रहे हैं. किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे अपना धरना खत्म नहीं करेंगे.
कहां-कहां धरने पर बैठे हैं किसान?
सतनाम सिंह पन्नू ने कहा, '28 सितंबर को एक बैठक के दौरान, हमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा आश्वासन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार बाद में पीछे हट गई. चार जगहों के अलावा जहां किसान इस समय धरने पर बैठे हैं, हम कल से पंजाब में तीन और जगहों पर धरना शुरू करेंगे. फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर और होशियारपुर में इस समय किसान अलग-अलग जगहों पर रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे हैं.
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