डीएनए हिंदी: विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने शुक्रवार को दावा किया कि जब उन्होंने अपनी उम्मीदवारी को लेकर संपर्क करना चाहा तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उनका फोन नहीं उठाया. नीतीश कुमार की ओर से समर्थन न मिल पाने की वजह से हैरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का इसलिए समर्थन किया क्योंकि वह ओडिशा रहने वाली हैं. इसी तरह वह भी बिहार से हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार के साथ मंत्रिमंडल में रहे यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘जब विपक्षी दलों ने मुझे अपना साझा उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया, तो कई राज्यों में फोन के जरिए संपर्क साधने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री को भी कई बार संदेश भिजवाया कि मैं उनसे बात करना चाहता हूं, पर शायद ‘स्टेटस’ की तुलना में इतना नीचे था कि उन्होंने मुझसे बात करना उचित नहीं समझा.’
'Nitish Kumar मेरे समर्थन क्यों नहीं कर रहे हैं'
यशवंत सिन्हा गुरुवार से मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार से उनकी बात हुई होती, तो वह यही कहते कि उन्हें बिहार के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार से उम्मीदवार होने के बावजूद वह मेरे समर्थन में आगे नहीं आ रहे हैं, यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि जिस दिन द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा गई ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी उसी दिन घोषणा कर दी कि चूंकि वह ओडिशा की बेटी हैं, इसलिए वह उनका समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी प्रतिभा पाटिल के उम्मीदवार बनने पर शिवसेना ने पंक्ति तोड़ते हुए उनके समर्थन की घोषणा कर दी थी.
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सिन्हा ने कहा, ‘यह बिहार के लिए अच्छा होगा यदि 60 साल के अंतराल के बाद मिट्टी का एक और बेटा शीर्ष पद पर आसीन हो जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पास था. उन्होंने कहा, ‘यह वह शहर है, जहां मेरा जन्म हुआ मैंने अपनी शिक्षा प्राप्त की पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया और बिहार काडर के आईएएस अधिकारी के रूप में मैंने सेवा दी.’
'मुर्मू होंगी एक ‘रबर स्टैंप’
यशवंत सिन्हा आरोप लगाते रहे हैं कि मुर्मू एक ‘रबर स्टैंप’ होंगी. उन्होंने लोगों से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में NDA की राष्ट्रपति पद उम्मीदवार मुर्मू द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की तस्वीर को याद करें. उन्होंने कहा कि लोग प्रतिभा पाटिल के बारे में बात करते हैं कि वह एक रबर स्टैंप थीं, लेकिन जब वह मैदान में उतरीं तो उन्होंने अपने कागजात स्वयं सौंपे थे. मुर्मू के मामले में यह वर्तमान प्रधानमंत्री थे जिन्होंने कागजात सौंपे. यह आने वाली चीजों के बारे में स्पष्ट संकेत हैं.
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तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ की
उन्होंने तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा, ‘तेजस्वी यादव ने विपक्ष के विभिन्न दलों को साथ लाने का बेहतर काम किया है. देश की तरह राज्य भी गलत हाथों में पड़ गया है. मुझे उम्मीद है कि लोग उन पर भरोसा करेंगे.’ वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा ने आशा व्यक्त की कि यशवंत सिन्हा को राज्य से पूरे दिल से समर्थन मिलेगा. आसनसोल के सांसद ने कहा, ‘यह एक ऐसा चुनाव है, जिसमें कोई व्हिप जारी नहीं किया जाता है. यह अपने विवेक पर ध्यान देने और राष्ट्रहित में कार्य करने का एक ऐतिहासिक अवसर है. वोट डाले जाने तक खेल खत्म नहीं हुआ है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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राष्ट्रपति चुनाव: यशवंत सिन्हा बोले- नीतीश कुमार ने तो मेरा फोन तक नहीं उठाया