डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी के लगातार चुनाव हारने के कारण उसके आलोचकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. क्षेत्रीय दल भी अब पार्टी के साथ गठबंधन करने से कतरा रहे हैं. वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरी बार बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति लगातार विपक्षी नेताओं का रुख सकारात्मक हो रहा है. इस पूरे परिदृश्य को देखते हुए ममता दीदी अब कांग्रेस को ही भाव नहीं दे रही हैं. ममता के इस रवैए को देखते हुए उनके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया है.
कांग्रेस पर आक्रोशित पीके
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की कमान कांग्रेस के हाथों में जाने को लेकर लगातार बयानबाजी होती रहती है लेकिन अब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को झटका दे दिया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, “कांग्रेस जिस आइडिया और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है. वह एक मजबूत विपक्ष के लिए काफी अहम है लेकिन विपक्ष के नेतृत्व का फैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने दें।”
The IDEA and SPACE that #Congress represents is vital for a strong opposition. But Congress’ leadership is not the DIVINE RIGHT of an individual especially, when the party has lost more than 90% elections in last 10 years.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 2, 2021
Let opposition leadership be decided Democratically.
ज़ख्म के साथ मरहम
प्रशांत किशोर भले ही कांग्रेस को विपक्ष के लिए एक मजबूत कड़ी बताकर उसकी शान बढ़ा रहे हों किन्तु अपने बयान में ही उन्होंने पार्टी नेताओं को पार्टी के सात वर्षों के हालिया इतिहास से भी रूबरू कराया है. उन्होंने पार्टी की 90 प्रतिशत हारों का जिक्र कर ये स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस विपक्ष का नेता करने के लिए मजबूत पार्टी नहीं है. इस बयान के बाद संभावनाएं जताई गईं हैं कि पीके ममता को आगे करने की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.
ममता को विकल्प बनाने की तैयारी
कांग्रेस भले ही ममता को यूपीए का हिस्सा बनाना चाहती हो किन्तु ममता बनर्जी का रवैया ये दिखाता है कि उन्हें यूपीए में दिलचस्पी नहीं रह गई है. हाल ही जब वो दिल्ली गईं थीं तो उन्होंने कांग्रेस को लेकर स्पष्ट कहा था कि वो हर बार सोनिया गांधी से मिलने के लिए बाध्य नहीं हैं. उनके इस बयान को कांग्रेस के खिलाफ ममता का आक्रामक रुख माना जा रहा था. वही ममता के बयान ये संकेत देते हैं कि उनकी पहली लड़ाई कांग्रेस से ही है.
पीके बना रहे माहौल
कांग्रेस से इतर ममता हाल ही जब दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर गईं तो उन्होंने महाविकास अघाड़ी के दो प्रमुख घटक दलों के मुखियाओं से चर्चा की है. इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं. एक तरफ ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी से इतर एक वैकल्पिक विपक्ष खड़ा करने की तैयारी कर रहीं हैं, तो वहीं प्रशांत किशोर अपने बयानों के जरिए ममता के लिए विपक्षी गुट में एक सकारात्मक माहौल बनाने के प्रयास कर रहे हैं.
- Log in to post comments