डीएनए हिंदी: मशहूर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को बेमतलब बताया है. उन्होंने कहा है कि इस वक्त में ऐसी यात्रा का कोई मतलब नहीं है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ऐसी यात्रा बेमकसद है और इसकी सलाह कौन दे रहा है.
प्रशांत किशोर ने कहा, 'जब मुख्यालय में आपकी जरूरत होती है, तो आप फील्ड में होते हैं. जब आपको मैदान में रहने की जरूरत थी तब आप दिल्ली में बैठे थे. मुझे नहीं पता कि उन्हें कौन सलाह देता है.'
'बेमतलब है यह यात्रा'
प्रशांत किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कोशिश के लिए यह वक्त सही नहीं है. उन्होंने कहा, 'जो कोई भी उन्हें सलाह दे रहा है, यह आपके लिए मुख्यालय छोड़ने और यात्रा पर जाने का सबसे खराब समय हो सकता है.'
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'पहले ही उठाना चाहिए था ये कदम'
प्रशांत किशोर ने कहा है कि ये यात्रा पहले आयोजित की जानी चाहिए थी. चुनाव से 6 महीने या एक साल पहले. कुछ महीने बचे हैं, ऐसे में यह यात्रा बेमकसद है. उन्होंने राहुल गांधी को रणनीतिक सहयोगियों से मिलने, संसाधन जुटाने, उम्मीदवार तय करने और चुनौतियों से निपटने की सलाह दी है.
कब खत्म होगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा?
14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई भारत जोड़ो न्याय यात्रा 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यह यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी. अप्रैल और मई के बीच यह यात्रा आयोजित की गई है.
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'बेमतलब है राहुल गांधी की न्याय यात्रा,' प्रशांत किशोर ने क्यों कहा