डीएनए हिंदी: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की, जिससे किशोर के फिर से जदयू में आने को लेकर अटकलें शुरू हो गईं. प्रशांत किशोर को 2020 में जदयू से बाहर कर दिया गया था.
हालांकि नीतीश कुमार ने इस बैठक को यह कहते हुए अधिक महत्व नहीं दिया कि उनके संबंध पुराने हैं और इस बैठक के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.
किसी समय नीतीश कुमार के करीबी रहे किशोर जदयू में शामिल हो गए थे और बिहार के मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि बाद में उनके संबंधों में खटास आ गई थी.
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दरअसल प्रशांत किशोर ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर सहयोगी भाजपा को नीतीश कुमार के समर्थन की आलोचना की थी. इसको लेकर उन्होंने कई बार नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा था. जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
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आपको बता दें कि एक तरफ जहां नीतीश कुमार भाजपा के सहयोगी हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रशांत किशोर भाजपा के एक मुखर आलोचक हैं. प्रशांत किशोर ने कई राज्यों में भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के लिए काम किया है. उन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम किया था.
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