डीएनए हिंदी: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों (5 States Assembly Elections) की सरगर्मी के बीच सभी विपक्षी दलों को यह उम्मीद है कि वो इस बार सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश के UP Election 2022 में भाजपा को कंट्रोल कर लेंगे जिससे 2024 Lok Sabha Election की राह आसान हो जाएगी. वहीं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पहले ही यूपी में भाजपा (BJP) की संभावित जीत की बात कर चुके हैं लेकिन वो आने वाले इन नतीजों को 2024 लोकसभा चुनावों के नजरिए से नहीं देख रहे हैं. उनके पास बीजेपी को 2024 में हराने का अलग प्लान है.
महागठबंधन से कुछ नहीं होगा
दरअसल, हाल ही में प्रशांत किशोर सक्रिय हुए हैं. उन्होंने UP Election 2022 से अलग 2024 लोकसभा चुनावों को तरजीह देने की बात कही है. इसके लिए उनके पास प्लान भी है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि सारे विपक्षी दल एक साथ मिल जाएं और इसे महागठबंधन का नाम दे दें तो वो सफल नहीं हो पाएंगे. उन्होंने कहा, “बिहार के बाद 'महागठबंधन' सफल नहीं हुआ है. केवल पार्टियों और नेताओं का एक साथ आना ही काफी नहीं होगा. भाजपा को हराने के लिए आपको भावात्मक और एक सुसंगत संगठन की जरूरत है.”
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बीजेपी के खिलाफ खड़े होंगे
प्रशांत किशोर को एक राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर देखें तो उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए काम किया था. इसके बाद से वो लगातार विपक्षी दलों के लिए ही काम कर रहे हैं. बिहार से लेकर दिल्ली पंजाब पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु तक में प्रशांत किशोर ने उन दलों का ही साथ दिया है जिन्होंने भाजपा का विरोध किया था. उन्होंने 2024 को लेकर कहा, “मैं एक विपक्षी मोर्चा बनाने में मदद करना चाहता हूं जो 2024 में एक मजबूत लड़ाई दे सके.”
विपक्ष बनाना होगा आपसी तालमेल
2024 लोकसभा चुनाव की प्लानिंग को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, “यदि आप बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु और केरल – लगभग 200 लोकसभा सीटों पर नजर डालते हैं तो पार्टी की लोकप्रियता के चरम पर होने के हालात में भाजपा यहां से 50 के क़रीब विषम सीटें जीतने में सफल रही है. बाकी बची 350 सीटें जहां भाजपा किसी के लिए कुछ नहीं छोड़ रही है.”
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उन्होंने टीएमसी (TMC), कांग्रेस (Congress) और अन्य विपक्षी दलों के बीच आपसी तालमेल बिठाने की बात करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि वे सीटों को एक राज्य तक सीमित न रखें. उन्होंने कहा, “यह गणित अगर आपको बताता है कि कांग्रेस या तृणमूल या कोई अन्य पार्टी या इन पार्टियों का आपसी तालमेल खुद को फिर से संगठित करता है और अपने संसाधनों और रणनीति को फिर से शुरू करता है और कहता है कि वे 200 में से लगभग 100 सीटें हासिल करते हैं तो विपक्ष लोकसभा में अपनी वर्तमान संख्या के साथ 250-260 सीटों तक पहुंच सकता है.”
इसके अलावा पीके ने कहा है कि भाजपा को हराने के लिए एक मजबूत विचारधारा होनी चाहिए जो कि भाजपा की अति राष्ट्रवादी विचारधारा को काउंटर कर सके. इसके साथ ही मोदी सरकार जो कल्याणकारी स्कीम चलाती है उसी के विकल्प के तौर पर विपक्षी दलों को कोई बड़ी स्कीम देनी होगी जिसके साथ एक विश्वसनीय चेहरा होना चाहिए, तभी बीजेपी से मुकाबला किया जा सकता है.
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