डीएनए हिंदी: एनडीए सरकार रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब-जब तमिलनाडु का दौरा किया तब-तब तमिल बनाम हिंदी का मुद्दा उठा और ट्विटर पर #GoBackModi हैशटैग ट्रेंड होता था लेकिन इस बार शुक्रवार को हुआ पीएम मोदी (PM Modi) का चेन्नई दौरा काफी खास रहा. डीएमके सरकार (DMK Government) बनने के बाद पहली बार तमिलनाडु यात्रा पर गए पीएम के साथ सीएम एम. के. स्टालिन ने मंच साझा किया. दोनों के बीच राजनीतिक तल्खी तो दिखी लेकिन एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव भी दिखा.
अहम मुद्दों के बीच PM Modi की यात्रा
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर स्टालिन ने हमेशा ही विरोधी की बात कही है. इसके माध्यम से हिंदी को थोपने के कथित प्रयासों का विरोध करने से लेकर जीएसटी बकाया, नीट एक्सम्प्शन बिल और उच्च कर हस्तांतरण के बारे में घेरने तक के मुद्दे पर स्टालिन सरकार केंद्र के लिए विरोध का स्वर उठा रही है.
इन सबके बीच PM Modi का दौरा काफी अहम था. ऐसा समझा जा रहा था कि इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी एवं स्टालिन के बीच एक बार फिर दबाव देखने को मिल सकता है लेकिन खास बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की चेन्नई यात्रा सौहार्दपूर्ण रहा है. फिर भी डीएमके और केंद्र की ओर से कुछ मुद्दों को लेकर आरोप-प्रत्यारो का आदान-प्रदान हुआ जिसे एक सहज और धारदार राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
स्टीमरोलर है स्टालिन का विरोध
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से लेकर तमिल भाषा को लेकर स्टालिन की नीतियों को PM Modi ने स्टीमरोलर बताया है जो कि विकास के लिए खतरनाक है. हालांकि इस मौके पर उन्होंने तमिल नागरिकों को लुभाने की कोशिश भी की और अपने भाषण की शुरुआत ही तमिल भाषा के साथ की. तमिल अस्मिता के मुद्दे को इस तरह भी समझा जा सकता है तमिनाडु सरकार ने श्रीलंका के आर्थिक संकट में श्रीलंका को मदद पहुंचाई है.
खट्टा मीठा रहा दौरा
खास बात यह है कि PM Modi की प्रत्येक तमिलनाडु यात्रा पर ट्विटर पर जो #GOBackModi ट्रेंड करता था वो इस बार भी हुआ लेकिन अब इस मामले में खास बात यह है कि इस बार विरोध इतना विराट नहीं था जबकि इस हैशटैग के पीछे डीएमके की ही मशीनरी के शामिल होने की बात कही जाती थी. वहीं एक अहम बात यह भी है कि मंच पर दोनों नेताओं ने एक दूसरे के प्रति सम्मान का न केवल भाव रखा बल्कि तमिलनाडु के विकास को लेकर भी सहज चर्चा की. राजनीति बयानबाजी से इतर PM Modi का यह दौरा स्थिति को एक सकारात्मक मोड़ पर ले गया है.
Uttar Pradesh: दरोगा के सामने ही मां और बेटियों ने खाया जहर, पुलिस कर रही थी परेशान
धारदार होती राजनीति
विश्लेषक यह भी मानते हैं कि बीजेपी का झुकाव धीरे-धीरे डीएमके की ओर बढ़ रहा है क्योंकि पार्टी को राज्य की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करनी है. वहीं बीजेपी के इन प्रयासों के बीच डीएमके के तेवर हल्के तल्ख दिख रहे हैं जो कि इस बात का संकेत हैं कि डीएमके इतनी आसानी से बीजेपी को मौका नहीं देगी.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा, 50 लाख जुर्माना
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments