डीएनए हिंदी: रविवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया और वो पंचतत्व में विलीन हो गईं लेकिन आज जब संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) विपक्ष पर हमला बोल रहे थे तो एक बार फिर उन्होंने लता दीदी का नाम लिया और उनसे जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि कैसे लता दीदी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को कांग्रेस सरकार ने नौकरी से निकलवाया था. पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस को अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर भी घेरा.
पीएम मोदी ने सुनाया किस्सा
राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लता मंगेशकर का जिक्र किया और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को एक बार फिर आड़े हाथों लिया. पीएम मोदी ने कहा, “लता मंगेशकर के छोटे भाई पंडित हृदयनाथ को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया. उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की एक देशभक्ति से भरी कविता की रेडियो पर प्रस्तुति कर दी थी. 8 दिन के अंदर उन्हें निकाल दिया गया था.” पीएम मोदी ने कहा कि इस बात के बारे में बहुत कम लोगों को पता है लेकिन लता दीदी के भाई की नौकरी कांग्रेस ने छीनी थी.
कांग्रेस ने नहीं दी अभिव्यक्ति की आजादी
इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के राज वाले दौर में ही मजरूह सुल्तानपुरी और प्रोफेसर धर्मपाल दोनों को नेहरू की आलोचना करने के लिए जेल भेजा गया था. पीएम ने अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है. उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जब किशोर कुमार , इंदिरा गांधी के सामने नहीं झुके तो उन्हें भी आल इंडिया रेडियो पर गाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.
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इसके साथ पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए यह भी कहा कि यदि कांग्रेस ना होती तो 1984 के सिख दंगे ही न होते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को सरकार के काम 2014 के बाद नहीं दिखते हैं और कांग्रेस ने कोरोना काल के दौरान विषम स्थितियां पैदा की थी.
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