डीएनए हिंदी: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भारत के साथ षडयंत्र रचने के लिए कुख्यात रहा है और वही षडयंत्र में अब पाकिस्तान ने धार्मिक और आस्था के मुद्दों को भी शामिल कर दिया है. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा स्थित हिन्दुओं का धार्मिक टेरी मंदिर में दर्शन को लेकर यात्रा करने के लिए चुनिंदा लोगों की अनुमति दी है. इसको लेकर भारत सरकार ने पाकिस्तान पर हमला बोला है और पारदर्शी प्रक्रिया न होने पर पाकिस्तान को लताड़ा है.
नियमों का उल्लंघन कर रहा पाकिस्तान
टेरी मंदिर में यात्रा करने वालों को लेकर सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहा है. सूत्रों ने बताया, "पाकिस्तान ने भारत से कुछ चुनिंदा लोगों को पाकिस्तान के टेरी मंदिर आने के लिए गैर-पारदर्शी तरीके से आमंत्रित करने की योजना बनाई थी। यह हमें स्वीकार्य नहीं था।" जानकारी में बताया गया, "यह उस भावना के भी विपरीत था जिसके तहत दोनों पक्ष तीर्थयात्रा करते हैं. अतीत की तरह ही भारत सरकार भारतीय तीर्थयात्रियों को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है."
इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि अब, भारतीय आयोजकों द्वारा चुने गए करीब 160 भारतीय तीर्थयात्री रविवार को वाघा-अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान जाएंगे. पहले की तरह भारत सरकार भारतीय तीर्थयात्रियों को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा कि ये सभी यात्रा प्रोटोकॉल के तहत ही होंगी.
पर्यटन का है प्रोटोकॉल
गौरतलब है कि पाकिस्तान के साथ वर्ष 1974 के धार्मिक स्थलों को लेकर समझौता किया गया था. भारत-पाकिस्तान के इसी प्रोटोकॉल तंत्र के तहत, भारत से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्री उस देश की यात्रा करते हैं. इसी तरह, पाकिस्तानी नागरिक भी भारत में धार्मिक स्थलों के लिए आते हैं. टेरी मंदिर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में संत, श्री परम हंस जी महाराज से जुड़ा हुआ है। मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी और इसीलिए इसे पवित्र माना जाता है.
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