Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने भी मोदी सरकार के कोई भी कदम उठाने को लेकर अपरोक्ष सहमति दे दी है. संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन अत्याचारियों को मारना हमारा धर्म है. भागवत ने ये बात दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में सभई से दो मिनट का मौन रखवाने के बाद कही. संघ प्रमुख ने हिंदू मेनिफेस्टो पर बात करते हुए कहा कि इस पर सबके बीच और सबकी सहमति से चर्चा होनी चाहिए.
पाकिस्तान का नाम लिए बिना कही ये बात
संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat News) ने कहा,'अहिंसा हमारा (भारतीयों का) मूल स्वभाव है. हम कभी पड़ोसियों को कष्ट नहीं देता. लेकिन कुछ लोग बिगड़े हुए हैं, जो अपने धर्म का पालन नहीं करते. ऐसे में राजा का धर्म है कि प्रजा की रक्षा करे. इसके लिए उसका अत्याचारियों को मारना भी धर्म है. राजा प्रजा की रक्षा करने के लिए जो कदम उठाता है, उसे लोग याद रखते हैं.' माना जा रहा है कि संघ प्रमुख ने पाकिस्तान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना यह बात उनके लिए ही कही है. उन्होंने आगे कहा,'मुंबई में मैंने रावण का जिक्र इस कारण किया कि सबकुछ होते हुए भी उसका मन अहिंसा के खिलाफ था. इसी कारण भगवान ने उसका वध किया. ऐसे ही गुंडागर्दी से मार ना खाकर उन्हें सबक सिखाना हमारा धर्म है.'
#WATCH | At an event in Delhi, a two-minute silence was observed by RSS chief Mohan Bhagwat and others to honour the innocent lives lost in the Pahalgam terror attack#PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/k9ZBqyzBXC
— ANI (@ANI) April 26, 2025
दुनिया को नया रास्ता देगा हिंदू मेनिफेस्टो?
संघ प्रमुख ने हिंदू मेनिफेस्टो को दुनिया को नया रास्ता देने वाला बताया. उन्होंने कहा,'हिंदू मेनिफेस्टो ऐसा प्रपोजल है, जिस पर सबके बीच और सबकी सहमति से चर्चा होनी चाहिए. सहमति क्यों चाहिए? क्योंकि भारत के पास ही दुनिया की भलाई के लिए और मानवता की रक्षा के लिए जरूरी तीसरा रास्ता है. भारत को ये रास्ता अपनी परंपराओं से सबको देना चाहिए.'
हिंदू कर्मकांड को ही धर्म मानने वालों को दी नसीहत
भागवत ने उन लोगों को भी नसीहत दी, जो हिंदू कर्मकांड को ही धर्म मानते हैं. उन्होंने कहा,'केवल कर्मकांड को हमने धर्म समझ लिया है. पूजा घर और खान पानी की पद्धति से धर्म को हमने जोड़ दिया है. इसे ही हमने धर्म मान लिया है. सबके अपने-अपने रास्ते ठीक होते हैं. मेरा रास्ता मेरे लिए ठीक है, लेकिन बाकी लोगों के रास्ते का भी सम्मान होना चाहिए. यह ठीक नहीं है कि मेरा रास्ता ठीक है और दूसरे का खराब. आज हिंदू समाज को ही हिंदू धर्म को समझने की जरूरत है.'
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

'हम अहिंसक पर अत्याचारी को मारना है धर्म' ऐसा क्यों बोले संघ प्रमुख भागवत