ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ ठिकानों पर छापेमारी की. जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक भारतीय सेना ने प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुख्यालयों को निशाना बनाया गया.
भारत द्वारा किये गए सटीक ऑपरेशन में मारे गए ठिकानों में बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप (सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह के हैं) शामिल थे.
इसी क्रम में आइये जानें कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का अर्थ क्या है?
लश्कर-ए-तैयबा
लश्कर-ए-तैयबा को धर्मी लोगों की सेना के नाम से भी जाना जाता है. इस संगठन का मुख्य घोषित उद्देश्य पूरे कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना है. इसकी स्थापना 1985-1986 में हाफ़िज़ सईद, ज़फ़र इक़बाल शहबाज़, अब्दुल्ला आज़म और कई अन्य इस्लामी मुजाहिदीन ने सोवियत-अफ़गान युद्ध के दौरान ओसामा बिन लादेन से फंडिंग के साथ की थी.
इसे संयुक्त राष्ट्र और कई देशों द्वारा एक आतंकवादी समूह घोषित किया गया है. दिसंबर 2000 में लाल किले पर हुए घातक आतंकी हमले, 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2005 में दिल्ली बम विस्फोट और 26/11 2008 के मुंबई हमलों जैसे घातक हमलों की जिम्मेदारी इस संगठन ने ली थी.
जैश-ए-मोहम्मद के एक अल्पज्ञात सशस्त्र समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें कम से कम 26 पर्यटक मारे गए थे.
जैश-ए-मोहम्मद
जैश-ए-मोहम्मद जिसका शाब्दिक अर्थ पैगंबर की सेना है. यह कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान स्थित देवबंदी इस्लामी आतंकवादी समूह है. इस समूह का मुख्य उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में मिलाना है.
2000 में अपनी स्थापना के बाद से, इस समूह ने कई हमले किए हैं, मुख्य रूप से भारतीय प्रशासित जम्मू और कश्मीर में.इसका नेतृत्व मसूद अजहर करता है. इस संगठन ने 2001 के भारतीय संसद हमले, 2016 के उरी हमले, 2019 के पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली है.
- Log in to post comments

Operation Sindoor की जद में आया में लश्कर-ए-तैयबा-जैश-ए-मोहम्मद, क्या है इन नामों का अर्थ?