डीएनए हिंदी: लुधियाना कोर्ट ने शुक्रवार को ओला कैब के को-फाउंटर और CEO भाविश अग्रवाल की दादी और आंटी की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. भाविश अग्रवाल की दादी पुष्पावती अग्रवाल और आंटी डॉ. सरिता अग्रवाल को 29 जनवरी 2016 को लुधियाना की शेर-ए-पंजाब कॉलोनी में मृत पाया गया था. दोनों की हत्या की गई थी.
इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने बाद में सुखपाल सिंह उर्फ बग्गा (40 साल) को लुधियाना के फालेवाल गांव से गिरफ्तार किया था. सुखपाल लंबे समय से अग्रवाल परिवार से बतौर ड्राइवर जुड़ा हुआ था. उसने दोनों महिलाओं की हत्या के बाद घर से रुपये, आभूषण और अन्य महंगे सामान की भी चोरी की थी.
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सुखपाल ने पुष्पावती और डॉ सरिता की हत्या के लिए धारदार हथियारों के साथ-साथ हथौड़े का भी इस्तेमाल किया था. उसने अदालत में अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार किया. पुलिस ने आरोपी के पास से एक पर्स जिसमें एटीएम कार्ड था, एक काले और भूरे रंग का पर्स, दो सोने की चूड़ियां, एक टूटा हुआ चाकू और आरोपी के खून से सने कपड़े थे.
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इस मामले में लुधियाना कोर्ट ने सुखपाल को उम्रकैद की सजा के अलावा 1.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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सजा सुनाते समय कोर्ट ने कहा कि दोषी शिकायतकर्ता का ड्राइवर था. निश्चित रूप से वह शिकायतकर्ता के घर तक पहुंच रहा था. उसने डबल मर्डर किया है. हत्याओं को बेहद क्रूर और अमानवीय तरीके से अंजाम दिया गया. दोनों मृत महिलाएं असहाय थीं और उन पर भीषण तरीके से हमला किया गया, लेकिन यह मौत की सजा को उचित नहीं ठहराता. हमारा सभ्य समाज है, दांत के बदले दांत और आंख के बदले आंख कसौटी नहीं होनी चाहिए. इस प्रकार इस अदालत का विचार है कि यह मामला मृत्युदंड लगाने के लिए 'दुर्लभतम मामलों' की श्रेणी में नहीं आता है.
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