डीएनए हिंदी: Haryana Police News- हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर हमले के बाद भड़की हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई है. इनमें दो पुलिस होमगार्ड की शहादत भी शामिल है, जो दंगा रोकने के लिए गुरुग्राम से नूंह जाते समय दंगाइयों की भीड़ के गुस्से का शिकार हुए थे. इनमें एक होमगार्ड नीरज भी शामिल था. हरियाणा पुलिस की टीम के साथ सोमवार को गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने से नूंह रवाना होते समय 37 साल के नीरज या उसके परिवार में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह उसका वर्दी में आखिरी दिन साबित होगा. करीब 15 साल से हरियाणा पुलिस में काम कर रहा नीरज हिंदू नाम वाला मुस्लिम होमगार्ड था, जो पुलिस टीम पर हमला करने वाले मुस्लिम दंगाइयों (पुलिस अनुमान के मुताबिक) की भीड़ के उन्माद का शिकार हो गया. नीरज का पूरा परिवार हिंदू नाम वाला मुस्लिम परिवार है, जिसे गांव में धार्मिक सौहार्द की मिसाल माना जाता है. उनके पिता कारगिल में देश के लिए लड़ चुके हैं.
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दंगाइयों के बुरी तरह पीटने से हुई मौत
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरज खान की तैनाती गुरुग्राम जिले के खेड़की दौला थाने में थी, जहां दंगाइयों के बीच फंसे लोगों की मदद के लिए घबराए हुए लोगों के फोन आ रहे थे. इन लोगों की मदद के लिए नीरज भी अपनी साथियों के साथ नूंह के लिए रवाना हुआ, जहां उनकी टीम पर हाथों में देशी तमंचे, तलवार, लोहे के सरिया और पत्थर आदि लेकर घूम रही उन्मादी भीड़ ने हमला कर दिया. नीरज पर भी दर्जनों लोगों ने डंडों और सरियों से वार किया, जिससे वह गंभीर घायल होकर जमीन पर गिर गया. उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां वह सोमवार शाम को शहीद हो गया.
परिवार का इकलौता कमाने वाला था नीरज
गुरुग्राम के गढ़ी वाजिदपुर गांव का निवासी नीरज अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला शख्स था, जिसकी शहादत के बाद परिवार बेसहारा हो गया है. उसके परिवार में पत्नी वकीला और दो बच्चे नितिन (10) व निकिता (6) के अलावा दो भाई सुनील खान और सोनू खान रह गए हैं. पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है. नीरज के बड़े भाई सोनू खान ने रोते हुए IANS को बताया कि कैसे उसकी आंखों के सामने उसके भाई के आखिरी पल घूम रहे हैं. सोनू ने कहा, वह बेहद खुशमिजाज आदमी था. हम उससे आखिरी बार सोमवार सुबह उस समय मिले थे, जब नीरज नौकरी के लिए थाने रवाना हो रहा था. हमने फिटनेस और वर्कआउट को लेकर बात की. नीरज ने मेरे ऊपर हंसते हुए कहा था कि मुझे वजन कम करने की जरूरत है.
मुस्लिम परिवार में सबके हिंदू नाम
नीरज अपने परिवार का इकलौता ऐसा शख्स नहीं था, जिसका नाम हिंदू था. उसके परिवार में सभी पुरुष सदस्यों के नाम हिंदू हैं. केवल महिलाओं के नाम मुस्लिम हैं. सोनू खान ने कहा, हम हिंदू बाहुल्य गांव में रह रहे हैं, जहां कुछ ही मुस्लिम परिवार हैं. हम यहां हमारे हिंदू पड़ोसियों के साथ शांति, सौहार्द और भाईचारे के साथ रह रहे हैं. इसी कारण हमारे पूर्वजों ने हिंदू नाम रखने का निर्णय लिया था.
कारगिल युद्ध में लड़े थे नीरज के पिता
नीरज के पिता ने कारगिल में देश के लिए युद्ध लड़ा था. उनके परिवार में कई अन्य सदस्य भी डिफेंस में रह चुके हैं. उन्होंने नीरज की शहादत पर मीडिया से कहा, मुझे गर्व है कि मेरा बेटा कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया. धर्म में नहीं लिखा है, गलत लोग सांप्रदायिक तनाव भड़काते हैं. उन्होंने कहा, मैं अपने पोते-पोतियों को भी देश की सेवा के लिए भेजूंगा.
गुरुग्राम तक है सांप्रदायिक हिंसा की आंच, नीरज के परिवार को नहीं खौफ
नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आंच गुरुग्राम में भी दिखाई दी है. गुरुग्राम की भी एक मस्जिद को उन्मादी सांप्रदायिक भीड़ ने आग लगा दी और इमाम की हत्या कर दी, जिससे पूरे इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द का तानाबाना बिखरता दिख रहा है. इसके बावजूद नीरज के परिवार को खौफ नहीं है. उन्हें अपने हिंदू पड़ोसियों पर भरोसा है और वे अंतर धार्मिक सद्भाव की भावना को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं
57 लाख रुपये मिलेंगे नीरज के परिवार को
नीरज के परिवार को उसकी शहादत के लिए हरियाणा पुलिस ने आर्थिक मुआवजा देने का ऐलान किया है. हरियाणा के अधिकारियों के मुताबिक, नीरज और एक अन्य शहीद होमगार्ड गुरसेवक के परिवारों को हरियाणा पुलिस की तरफ से 57 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
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हिंदू नहीं मुस्लिम था नूंह दंगे में शहीद होमगार्ड नीरज, परिवार है धार्मिक सौहार्द की मिसाल