डीएनए हिंदी: बिहार में नीतीश कुमार की सियासी पारी बदलने वाली है. वह सत्तारूढ़ गठबंधन से निकलने की तैयारी में हैं. नीतीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड) और सहयोगी दलों के विधायकों को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हैं. वह विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भी लामबंद करने की कोशिशों में जुटे हैं. शनिवार को भारतीय जनता पार्टी भी अहम बैठक कर रही है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA गठबंधन में शामिल होने के लिए बेताब हैं.
नीतीश कुमार और बीजेपी का रिश्ता लव-हेट वाला रहा है. बीते एक दशक में चौथी बार नीतीश कुमार अपने सहयोगियों के साथ पलट चुके हैं. इसी कार्यकाल में यह दूसरी बार होगा जब नीतीश कुमार एक गठबंधन छोड़कर दूसरे गठबंधन में चले गए हों. महागठबंधन में दरार तभी सामने आ गया ब नीतीश कुमार के डिप्टी तेजस्वी यादव राजभवन में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में ही शामिल नहीं हुए.
पटना में आयोजित परेड में दोनों ने एक-दूसरे से बातचीक तक की नहीं की. नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'जो लोग मौजूद नहीं थे, उनसे पूछिए कि वे समारोह में क्यों नहीं गए.' राजभवन में सीएम को विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के साथ बातचीत करते देखा गया और जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी डिप्टी सीएम के लिए आवंटित कुर्सी पर बैठे थे.
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RJD ने भी बुलाई विधायकों की बैठक
राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जबकि जेडीयू ने रविवार को अपनी बैठक बुलाई है. बीजेपी ने संकेत दिया है कि वह दोस्त से दुश्मन बनी पार्टी के साथ हाथ मिलाने को तैयार है.
क्या है बीजेपी की तैयारी?
बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा, 'हम सभी घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उचित निर्णय लेंगे. राजनीति में कोई भी दरवाजा स्थायी रूप से बंद नहीं होता है और जरूरत पड़ने पर दरवाजा खोला जा सकता है.'
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क्या फिर पलटेंगे सुशासन बाबू?
घटनाक्रम से वाकिफ लोगों का कहना है कि अगर कुमार बीजेपी के साथ जाते हैं तो कम से कम इस साल के अंत में होने वाले लोकसभा चुनाव तक उनके सीएम बने रहने की संभावना है. अभी तक यह तय नहीं है कि कौन उनका डिप्टी सीएम होगा. ऐसा हो सकता है कि एक बार फिर बीजेपी सुशील कुमार मोदी को उनका डिप्टी बना दे. उन्होंने सुशील मोदी के साथ एक दशक तक काम किया था. हो सकता है बीजेपी किसी नए चेहरे को मौका दे. कुछ सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी किसी पिछड़ी जाति या यादव या कुशवाह जैसे प्रमुख ओबीसी समूह के किसी व्यक्ति को डिप्टी सीएम बना सकती है.
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बिहार में बीजेपी के दिग्गज नेताओं की जुटान
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में देर रात हुई बैठक के बाद बीजेपी ने प्रमुख नेताओं को राज्य में भेज दिया. दिल्ली और पटना में पूरे दिन सियासी हलचल जारी रही. सुशील मोदी शुक्रवार को पटना पहुंचे. राज्य के केंद्रीय प्रभारी विनोद तावड़े शनिवार को पटना में एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं.
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RJD से नाराजगी, NDA में स्वागत की तैयारी, क्या करने वाले हैं नीतीश कुमार?