New Voter List Rules: किसी भी चुनाव से पहले निर्वाचन सूची यानी वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम होता है. इसके बावजूद कई बार ऐसे नाम उसमें शामिल रह जाते हैं, जो मृत्यु या किसी कारण से उस क्षेत्र की वोटर लिस्ट का हिस्सा नहीं हैं. इसके चलते भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने वोटर लिस्ट को ज्यादा सटीक और सही बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. EC ने इसके लिए निर्वाचन सूची को जन्म-मृत्यु के रिकॉर्ड से लिंक करने की तैयारी की है. इसके अलावा भी EC ने कई नई तैयारियां की हैं. इस पहल का उद्देश्य लोगों के लिए वोटिंग प्रोसेस को ज्यादा आसान बनाना है.
आइए आपको 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि क्या बदलाव किया जा रहा है-
1. रजिस्ट्रार ऑफिस से लिंक होगी वोटर लिस्ट
चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के ऑफिस से लिंक करने का निर्णय लिया है, जहां भारत में पैदा होने वाले बच्चे का बर्थ रिकॉर्ड और किसी की मौत होने पर उसका डेथ रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे किसी की मौत होने पर या किसी के पैदा होने पर RGI से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) को समय पर सही जानकारी मिलेगी और उसके लिए वोटर लिस्ट अपडेट करना आसान हो जाएगा, जिससे वोटर्स का डाटा ज्यादा सही और सटीक होगा.
2. रजिस्ट्रार ऑफिस की जानकारी को वैरीफाई करेंगे BLO
निर्वाचन आयोग ने यह भी तय किया है कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के यहां से किसी वोटर की मौत की जानकारी ERO को दी जाएगी, जिसका सत्यापक ERO की तरफ से बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के जरिये कराया जाएगा. BLO संबंधित वोटर के परिजनों की तरफ से फॉर्म-7 पर औपचारिक आवेदन मिलने का इंतजार करने के बजाय तत्काल उसके घर पर फील्ड विजिट करेंगे और रजिस्ट्रार ऑफिस से मिली जानकारी की तस्दीक करेंगे.
3. BLO को दिया जाएगा खास पहचान पत्र
ECI ने यह भी तय किया है कि बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की पहचान को लेकर आम जनता के बीच कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए, क्योंकि वे ही चुनाव आयोग और जनता के बीच संपर्क की पहली पायदान हैं. इसके चलते चुनाव आयोग ने BLO को एक खास आइडेंटिटी कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है. इस स्टैंडर्ड फोटो आई कार्ड से उनकी स्पष्ट पहचान हो पाएगी और जनता बेझिझक वोटर वेरीफिकेशन और रजिस्ट्रेशन ड्राइव के दौरान उनके साथ अपना डाटा शेयर कर सकेगी.
4. वोटर पर्ची में भी किया जाएगा बदलाव
चुनाव आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि वोटर पर्ची (voter information slip) को भी मॉडिफाई किया जाएगा. इन पर सीरियल और पार्ट नंबर स्पष्ट तरीके से प्रिंट हो, यह बात सुनिश्चित की जाएगी ताकि वोटर्स के लिए अपना पोलिंग स्टेशन तलाशना आसान हो सके. साथ ही पोलिंग अफसरों को भी बूथ में उनका नाम निर्वाचन सूची में तलाशन में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी.
5. मार्च में ही दे दी थी आयोग ने इन बदलाव की सूचना
भारतीय चुनाव आयोग ने मार्च महीने में ही वोटर लिस्ट से जुड़े इन बदलावों की सूचना साझा की थी. मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार ने मुख्य चुनाव अधिकारियों (Chief Electoral Officers) की कॉन्फ्रेंस में सभी राज्य के CEO के साथ इन बदलावों की जानकारी साझा की थी. इस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ दोनों चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी मौजूद थे.
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जन्म-मृत्यु रिकॉर्ड से जुड़ेगी वोटर लिस्ट, जानिए चुनाव आयोग उठा रहा है कौन से 5 कदम