डीएनए हिंदी: New Parliament Building Controversy- देश की नई संसद के उद्घाटन समारोह को लेकर विवाद चल रहा है. अब तक तय कार्यक्रम के हिसाब से 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को आमंत्रित नहीं किया गया है. विपक्षी दल इसे दलित राष्ट्रपति का अपमान और संविधान का उल्लंघन बताते हुए उद्घाटन द्रौपदी मुर्मु से ही कराने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को नहीं मानने के चलते अब तक संसद में मौजूद 40 में से 20 दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर दी है.
हालांकि इसी बीच सत्ताधारी भाजपा को इस मुद्दे पर आश्चर्यजनक तरीके से एक दिग्गज दलित नेता का साथ मिल गया है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावाती (BSP Supremo Mayawati) ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर भाजपा का समर्थन किया है. हालांकि उन्होंने उद्घाटन समारोह में नहीं शामिल होने की भी घोषणा की है. साथ ही मायावती ने दलित राष्ट्रपति का मुद्दा उठा रहे विपक्षी दलों से एक ऐसा सवाल किया है, जो उनकी बोलती बंद कर सकता है. हालांकि मायावती का यह बदला हुआ रुख बेहद हैरतअंगेज है, क्योंकि उन्होंने भी इससे पहले नए संसद भवन का सत्ता के अभिमान का प्रतीक बताते हुए उसके उद्घाटन में नहीं जाने की बात कही थी.
'देशहित के मुद्दे पर दिया है हर सरकार का साथ'
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 3 ट्वीट की सीरीज के जरिये नए संसद भवन के विवाद पर अपना रुख पेश किया है. उन्होंने लिखा, पहले कांग्रेस और वर्तमान में भाजपा, केंद्र में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, बसपा ने देशहित और जनहित के मसलों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है. उन्होंने आगे लिखा, 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है.
विपक्ष को तब याद नहीं था आदिवासी महिला का सम्मान?
मायावती अगले ट्वीट में विपक्ष के राष्ट्रपति से उद्घाटन नहीं कराने के मुद्दे पर सवाल पूछा है. उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने पर बहिष्कार अनुचित है. सरकार ने इसे बनाया है, इसलिए उद्घाटन का भी उसे हक है. इसे आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है. (विपक्ष को) यह बात उन्हें (मुर्मु को) निर्विरोध न चुनकर उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचनी चाहिए थी.
'बेहद व्यस्त हूं, नहीं आ सकूंगी'
हालांकि मायावती ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने की बात भी कही है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं. किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों संबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.
1. केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।
— Mayawati (@Mayawati) May 25, 2023
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संसद भवन विवाद में भाजपा के साथ मायावती पर समारोह से रहेंगी दूर, दलित राष्ट्रपति मुद्दे पर विपक्ष से पूछा ऐसा सवाल