NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 के लिए आज (गुरुवार 18 जुलाई) अहम सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना है कि परीक्षा के आयोजन में धांधली हुई है या नहीं. इसके बाद परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने पर फैसला लिया जाएगा. सरकार और याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष में दलीलें रखी हैं, जिसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को रिजल्ट में टॉप-100 रैंक पर आए छात्रों के शहर और अन्य डाटा पेश करने का निर्देश दिया है. उधर, NEET Paper Leak केस में सीबीआई की कार्रवाई भी जारी है. सीबीआई ने इस मामले में पटना AIIMS से चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है, जिनके पेपर लीक में शामिल होने का संदेह जताया जा रहा है.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं कि आज सुनवाई के दौरान अब तक क्या-क्या हुआ है-
1. 'रि-एग्जाम नहीं तो फिर कौन सी जांच कराई जाए'
सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की मौजूदगी वाली बेंच कर रही है. बेंच के सामने याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा और संजय हेगड़े ने पक्ष रखा, जबकि सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश की हैं. याचिकाकर्ताओं की तरफ से बार-बार रि-एग्जाम की मांग करने पर चीफ जस्टिस ने कहा,'हम महज इस कारण दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते, क्योंकि कुछ लोग चाहते हैं. ऐसा काम परीक्षा की पवित्रता प्रभावित होने की बात साबित होने पर ही होगी. हुड्डा हमें यह बताएं कि किस तरह देश भर में परीक्षा ऐसे प्रभावित हुई है कि उसे रद्द करना पड़े. साथ ही यह भी पताएं कि यदि हम रि-एग्जाम के लिए सहमत नहीं हैं तो दूसरी कौन सी जांच की जरूरत है.'
2. चीफ जस्टिस ने पूछा, क्या है कट-ऑफ मार्क
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि 56,000 सरकारी सीटों और 1 लाख 8 हजार सीटों के लिए क्या कट-ऑफ मार्क हैं? संजय हेगड़े ने बेंच को बताया कि 50 फीसदी से ऊपर अंक पाने वाला कोई भी छात्र योग्य है. 164 का कट-ऑफ मार्क तय किया गया है. इसके चलते लगभग आधे याचिकाकर्ता सीट आवंटन की योग्यता रखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ये आंकड़े कुछ लोगों के अन्य विकल्प चुनने पर कम-ज्यादा होने की भी बात कही है. SG मेहता ने भी कहा कि याचिकाकर्ताओं में 254 छात्र ऐसे हैं, जो 1 लाख 8 हजार के अंदर आते हैं और दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. इस सीमा में नहीं आने वाले 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते हैं.
3. सुप्रीम कोर्ट ने मांगी IIT मद्रास की रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान बार-बार IIT मद्रास की रिपोर्ट का जिक्र आने पर चीफ जस्टिस ने वह रिपोर्ट अदालत में रखने का निर्देश दिया. हालांकि याचिकाकर्ताओं के वकील हुड्डा ने इस रिपोर्ट में हितों के टकराव का जिक्र करते हुए इसके विश्वसनीय नहीं होने की बात कही. हुडा ने कहा कि IIT मद्रास के निदेश NTA मेंबर हैं, इसलिए उसके हितों के टकराव को देखते हुए उसकी रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता. हालांकि SG मेहता ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए तथ्य को गलत बताया. उन्होंने कहा कि IIT मद्रास से अब कोई भी NTA मेंबर नहीं है. परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थान का निदेशक NTA में पदेन मेंबर बनाया जाता है. NEET 2024 का आयोजन करने के कारण IIT मद्रास के डायरेक्टर भी NTA मेंबर बने थे, लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद अब वे मेंबर नहीं हैं.
4. टॉप-100 में से 17 का ही डाटा क्यों पेश कर रही NTA
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बेंच के सामने यह दावा किया कि NTA ने अंकों में बढ़ोतरी के लिए उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी होने और सिलेबस कम किए जाने को जिम्मेदार बताया है, लेकिन उनका उत्तर इस बात की पूरी तस्वीर पेश नहीं कर रहा है. उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया है कि IIT अपनी रिपोर्ट में 571 शहरों में टॉपर बराबर-बराबर फैले होने की बात कहते हैं, लेकिन डाटा केवल 17 छात्रों का पेश कर रहे हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार को टॉप-100 शहरों का डाटा कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने डाटा पेश किया है. SG मेहता ने बेंच को बताया है कि टॉप-100 में आने वाले छात्र 18 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों के 95 सेंटरों से हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने 720 में से 720 अंक पाने वाले 61 छात्रों में से कितने छात्र ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 में शामिल थे? याचिकाकर्ताओं की तरफ से हुड्डा ने इसके जवाब में बताया कि ऐसे छात्रों की संख्या 44 थी, जिन्हें एक प्रश्न के दो सही विकल्पों के लिए अतिरिक्त अंक मिले थे. इसलिए टॉप-100 में 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्रों की वास्तविक संख्या 17 ही है.
Supreme Court seeks to know the top hundred ranks in the NEET-UG 2024 exam and which cities do they come from.
— ANI (@ANI) July 18, 2024
5. सब जगह SBI ने दिया पेपर, हरदयाल स्कूल में CANARA Bank क्यों?
याचिकाकर्ताओं की तरफ से दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ के हरदयाल स्कूल का जिक्र किया गया. सीनियर एडवोकेट हुड्डा ने कहा कि हरदयाल स्कूल में 6 लोगों ने एग्जाम दिया. NTA ने कभी ये नहीं बताया कि उसने केनरा बैंक से लिया गया प्रश्न पत्र दिया है. स्कूल के प्रिसिंपल ने रिकॉर्ड में बताया है कि उनके यहां एसबीआई और केनरा बैंक से प्रश्न पत्र लिए गए. ऐसा क्यों हुआ? प्रिंसिपल ने केनरा बैंक के प्रश्न पत्र के लिए ऊपर से निर्देश मिलने की बात स्वीकारी है. इस स्कूल में सभी को ग्रेस मार्क्स देकर पास किया गया है. यहां 6 लोगों को 720/720 अंक मिले हैं, जबकि 2 लोगों को 718 अंक मिले. हुड्डा ने कहा कि 15063 लोगोंं को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए हैं, इस बात की अदालत ने जांच नहीं की है. इसकी ही जरूरत है.
सीबीआई ने हिरासत में लिए पटना AIIMS के चार डॉक्टर
सीबीआई ने नीट पेपर लीक केस में छापा मारते हुए पटना AIIMS के चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है. हालांकि एम्स प्रबंधन का कहना है कि उन्हें सीबीआई द्वारा 4 स्टूडेंट को अपने साथ ले जाने की ही जानकारी मिली है. एम्स पटना के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व सीईओ डॉ. गोपाल क्रुष्णा पाल ने कहा,'सीबीआई जिन 4 छात्रों को अपने साथ ले गई है, उनमें से एक हॉस्टल में नहीं था. वह बाद में पेश हुआ है. सीबीआई के एक सीनियर अफसर ने उन छात्रों के नाम, फोटो व मोबाइल नंबर हमसे शेयर किए थे, जो नीट घोटाले में शामिल हैं. हमने सीबीआई टीम के साथ पूरी तरह सहयोग किया है. हिरासत में लिए गए चार छात्रों में चंदन सिंह निवासी सीवान (बिहार), कुमार सानू निवासी पटना (बिहार), राहुल आनंद निवासी धनबाद (झारखंड) और करण जैन निवासी अररिया (बिहार) शामिल हैं. कल सीबीआई ने हमें उनके कमरे सील करने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने 3 कमरे सील किए हैं, जबकि 1 कमरा हमने सील किया है.'
#WATCH | NEET-UG irregularities matter | Bihar: Dr Gopal Krushna Pal, AIIMS Patna Executive Director & CEO says, "No doctor has been arrested, but as per the information available, CBI team has taken away 4 students...One of these students was not at the hostel, he himself… pic.twitter.com/cM5QVCKDXk
— ANI (@ANI) July 18, 2024
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