डीएनए हिंदी: Punjab News- यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो जेल में बंद पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू आगामी 1 अप्रैल को रिहा हो सकते हैं. उन्हें जेल मैनुअल के एक नियम का लाभ मिल सकता है. हालांकि इस नियम के बावजूद उनकी जेल से रिहाई तभी संभव है, जब पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार उनकी रिहाई को मंजूरी दे दे. पूर्व सांसद और पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू की सजा 26 जनवरी के मौके पर भी माफ होने की चर्चा चली थी, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से दी गई कैदियों की सजामाफी लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं था. इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने बेहद हंगामा भी मचाया था.

छुट्टियां नहीं लेने के कारण वक्त से पहले रिहाई संभव

नवजोत सिद्धू को कोर्ट से मिली सजा के हिसाब से 19 मई, 2023 तक जेल में रहना है, लेकिन जेल मैनुअल का एक नियम उन्हें वक्त से पहले रिहाई दिला सकता है. दरअसल सिद्धू ने पिछले साल 20 मई, 2022 को जेल जाने के बाद से अब तक एक भी छुट्टी नहीं ली है. उन्होंने सरकारी छुट्टियों के साथ ही जेल में मिलने वाली एक दिन की साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं ली है. इन छुट्टियों को उनकी सजा के दिनों में एडजस्ट करने पर उनकी रिहाई 1 अप्रैल को हो सकती है. 

इस संगीन जुर्म में मिली थी सिद्धू को जेल की सजा

नवजोत सिंह सिद्धू को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने साल 1988 के रोडरेज केस में एक साल की सजा सुनाई थी. दरअसल सिद्धू पर आरोप था कि 27 दिसंबर, 1988 को वे अपने एक दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले मार्केट में मौजूद थे. उस समय सिद्धू भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे थे और इस कारण बेहद चर्चित थे. शेरावाला मार्केट पटियाला में सिद्धू के घर से महज 1.5 किलोमीटर दूर थी. 

मार्केट में पार्किंग के मुद्धे पर सिद्धू और उनके दोस्त की बहस 65 साल के गुरनाम सिंह से हो गई. यह बहस मारपीट में बदल गई और सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर गिरा दिया. इससे गुरनाम सिंह जख्मी हो गए और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई. इस मामले में सिद्धू के खिलाफ पटियाला पुलिस ने हत्या की FIR दर्ज की थी. बाद में 22 सितंबर, 1999 को ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू और रुपिंदर को इस केस में बरी कर दिया. साल 2002 में यह मामला पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा, जहां साल 2006 में दोनों को हाई कोर्ट ने गैर इरादन हत्या का दोषी माना और 3-3 साल की सजा व 1-1 लाख रुपये जुर्माना लगाया. साल 2007 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया.

दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सिद्धू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह केस लड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को बरी घोषित करते हुए सिद्धू पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था. इस दौरान सिद्धू अमृतसर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बन गए थे. सितंबर, 2018 में गुरनाम के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिस पर 19 मई, 2022 को सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई गई थी.

भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में शामिल रहे हैं सिद्धू

59 साल के सिद्धू भारत के दिग्गज क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. उन्होंने करीब डेढ़ दशक लंबे इंटरनेशनल करियर में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 51 टेस्ट मैच में 9 शतक के साथ 3202 रन बनाए थे, जबकि 136 वनडे मैच में 6 शतक के साथ 4413 रन उनके खाते में शामिल हुए. ओपनिंग बल्लेबाजी करने वाले सिद्धू को अपने समय में भारतीय टीम के सबसे ज्यादा सिक्सर लगाने वाले क्रिकेटर के तौर पर पहचाना जाता था.

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Navjot Singh Sidhu इस दिन होने जा रहे हैं जेल से रिहा, जानिए किस जुर्म में सजा क
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Navjot Singh Sidhu इस दिन होने जा रहे हैं जेल से रिहा, जानिए किस जुर्म में सजा काट रहा ये पूर्व भारतीय क्रिकेटर