डीएनए हिंदी : संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों के मुद्दे पर एक साल चले किसान आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया है. इसे भाजपा की चुनावी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा था. इसके विपरीत अब केन्द्रीय मंत्री कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बयान ने संकेत दिया है कि भले ही वो तीन कानून रद्द हो गए हों किन्तु मोदी सरकार एक बार फिर भविष्य में कृषि कानून को ला सकती हैं. नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि वो फिर आगे बढ़ेंगे.
दोबारा आगे बढ़ेगी मोदी सरकार
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के लिए तीन कृषि कानूनों के कारण पिछला एक साल काफी तनावपूर्ण रहा है. वहीं अब सारा मामला ठंडा होने के बाद एक बार फिर नरेन्द्र सिंह तोमर ने बयान दिया है. उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर में एक संबोधन के दौरान कहा, "तीन कृषि कानून 70 साल की आजादी के बाद लाया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म था लेकिन कुछ लोगों के विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा. हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे. सरकार आगे के बारे में सोच रही है, हम निराश नहीं हैं. किसान भारत की रीढ़ हैं."
क्या फिर आ सकता है कानून
मोदी सरकार के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के इस बयान के सामने आने के बाद अंदाजे लगाए जाने लगे हैं. पीछे हटने और दोबारा आने की बात को लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार क्या है एक बार फिर देश में तीन कृषि कानूनों को लाने की प्लानिंग कर सकती है. वहीं ये बयान एक बार फिर किसानों में आग भड़का सकता है. इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि यदि कानून दोबारा आते हैं तो वे पुनः आंदोलन पर बैठेंगे.
राकेश टिकैत का ये बयान दर्शाता है कि मोदी सरकार और टिकैत के बीच अभी कृषि कानूनों के मुद्दे पर टकराव की स्थिति बनी हुई है और यदि ऐसा कुछ आगे भी कदम उठाया गया तो एक बार फिर राकेश टिकैत मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे.
- Log in to post comments