डीएनए हिंदी: ब्रिटेन में भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में 'Muslim PM' ट्रेंड करने लगा. भारत में अल्पसंख्यक समुदाय और बहुसंख्यकवाद को लेकर बहस काफी तेज हो गई. कांग्रेस नेता शशि थरूर, पी चिदंबरम और जम्मू कश्मरी की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने ऋषि सुनक को बधाई देने के साथ ही अल्पसंख्यक के हितों और बहुसंख्यकवाद का मुद्दा उठाकर बीजेपी पर तंज कसा. बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए पूर्व राष्ट्रपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल की याद दिलाई.
भाजपा नेताओं ने सुनक को एक सक्षम नेता बताया और कहा कि इस असाधारण सफलता के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए लेकिन देश के कुछ विपक्षी नेता दुर्भाग्य से इस अवसर पर भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा ने 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद इटली मूल के मुद्दे पर सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था. इस विरोध की तुलना बीजेपी ने भारतीय मूल के सुनक के ब्रिटेन की सत्ताधारी पार्टी का नेता चुने जाने से करने का भी प्रतिकार किया. भाजपा के विदेश मामलों के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने एक ट्वीट किया, ‘इटली में जन्मीं और राजीव गांधी से विवाह के बाद वर्षों तक भारत की नागरिकता नहीं लेने वाली सोनिया और ब्रिटेन में जन्में भारतीय मूल के ऋषि सुनक में कोई तुलना नहीं की जा सकती.’
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विपक्षी नेता करना चाहते हैं राजनीति
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एक के बाद एक ट्वीट कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और शशि थरूर पर पलटवार किया. पी चिदंबरम और शशि थरूर सहित कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने सुनक के प्रधानमंत्री बनने कहा था कि उम्मीद है भारत इस घटनाक्रम से सीख लेगा और अल्पसंख्यकों में से किसी को एक दिन शीर्ष पद पर चुने जाने की परंपरा को अपनाएगा. रविशंकर ने कहा, ‘‘भारतीय मूल के एक सक्षम नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं. इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी सराहना करनी चाहिए. यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.’
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुनक के प्रधानमंत्री पद पर निर्वाचन के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह ऐसे नेताओं को राष्ट्रपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम के असाधारण कार्यकाल और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के कार्यकाल की याद दिलाना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि आज एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति हैं.
थरूर और चिदंबरम ने BJP साधा था निशाना
गौरतलब है कि पी चिदंबरम ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था, ‘पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक. अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है. मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाले दलों को सबक सीखना चाहिए.’ वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता शशि थरूर ने कहा था, ‘अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन कर ब्रिटेनवासियों ने दुनिया में बहुत दुर्लभ काम किया है. हम भारतीय मूल के सुनक की इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तो आइए, ईमानदारी से पूछें कि क्या यहां यह हो सकता है?’’
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महबूबा के प्रतिक्रिया पर बीजेपी नेता ने पूछा सवाल
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को गौरवशाली क्षण बताते हुए कहा कि ब्रिटेन ने एक जातीय अल्पसंख्यक को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया है, लेकिन ‘‘हम अभी भी एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हुए हैं. रविवाशंकर ने मुफ्ती की प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए सवाल किया कि क्या वह किसी अल्पसंख्यक को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? उन्होंने कहा कि कृपया स्पष्ट जवाब दें.
(भाषा इनपुट के साथ)
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ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर भारत में ट्रेंड हुआ 'Muslim PM', बीजेपी ने दिया जवाब