डीएनए हिंदी : केरल (Kerala ) में एक भीषण आपराधिक मुक़दमे के फ़ैसले में पचास साल की एक महिला को दस साल जेल की सज़ा सुनाई गई है. महिला पर आरोप था कि उसने अपनी 16 साल की बेटी का बलात्कार करवाने की कोशिश की थी. न्यायलय के अनुसार, बतौर मुख्य अभिभावक मां ने बच्ची की सुरक्षा पर ध्यान देने की जगह उसकी ज़िन्दगी बर्बाद करने की कोशिश की. नाबालिग लड़की के पिता चलने-फिरने में असमर्थ हैं और मां ने इस स्थिति का फ़ायदा उठाया.
मां का दोस्त था बराबर का भागीदार
इस केस के मुख्य आरोपी लड़की की मां जो कि केरल(Kerala ) के कयानाडू इलाक़े की है और उसका दोस्त अरुण कुमार हैं. अरुण कुमार को बीस साल की जेल और दो लाख का ज़ुर्माना भरने की सज़ा मिली है.
मार्च 2017 से अगस्त 2017 के दौरान लड़की का कई बार बलात्कार किया गया था. अरुण कुमार अक्सर उनके घर आया करता और कई बार लड़की को इडुक्की के पल्लीवासल इलाके में ले जाया करता. वहां लड़की से बलात्कार किया जाता था. छान-बीन के दौरान पता चला कि इसके लिए मुख्य रूप से लड़की की मां ज़िम्मेदार थी.
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कोर्ट ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि मां की ज़िम्मेदारी बच्ची की सम्पूर्ण सुरक्षा की थी पर उसकी वजह से लड़की का शोषण हुआ." अभियुक्तों पर भारतीय पीनल कोड की भिन्न धाराओं के साथ POCSO और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (जेजे एक्ट) भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि लड़की को दी जाएगी. केरल(Kerala ) के इस कोर्ट का यह भी मानना था कि लड़की की मां के साथ कोई हमदर्दी नहीं बरती जाए.
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