डीएनए हिंदीः नवजात बच्चों की मौत को लेकर मध्य प्रदेश MP का एक अस्पताल बदनाम हो चुका है. भोपाल में हमीदिया अस्पताल के पांच साल के रिकॉर्ड के आधार पर पता चलता है कि यहां प्रतिदिन औसतन 37 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन के पटल पर इस अस्पताल का पूरा काला चिट्ठा रख दिया है. इसको लेकर कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने सवाल खड़े किए थे.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब
दरअसल, भोपाल के हमीदिया अस्पताल के हालिया अग्निकांड को लेकर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर सवाल खड़े किए थे और नवजात बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया है. इसका जवाब देते हुए सदन के भीतर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बताया है कि इस अस्पताल में पिछले पांच सालों में औसतन 37 बच्चों की मौत हुई है. वहीं सबसे खराब स्थिति 2019-20 में थी. इस दौरान 14,759 नवजात बच्चों की जान गई थी.
5 सालों में रिकॉर्ड मौतें
इस अस्पताल में नवजात बच्चों के डेथ रेट को लेकर विधानसभा में शिवराज सरकार के मंत्री ने बताया, "बीते 5 साल में लगभग 500996 नवजात SNCU में भर्ती हुए, जिनमें से 68301 की मौत हो गई. वहीं, सबसे ज्यादा मौतें साल 2019-20 के दौरान हुई हैं, जब 14,759 नवजात बच्चों की जान गई है..
सबसे असुरक्षित अस्पताल
गौरतलब है कि जीतू पटवारी ने 8 नवंबर को अस्पताल में लगी आग और उसमें 4 बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा था, "हमीदिया अस्पताल का SNCU प्रदेश में सबसे असुरक्षित जगह है. राज्य सरकार में किसी को तो इन मौतों की जिम्मेदारी लेनी होगी, क्योंकि 13 फीसदी नवजातों की मौत चिंता का विषय है. बीजेपी के शासनकाल के दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल होती जा रही हैं. " ध्यान देने वाली बात ये भी है कि कांग्रेस नेता पटवारी लगातार विधानसभा में शिवराज सरकार को आए दिन घेरते रहे हैं.
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