डीएनए हिंदी. कोरोना की तीसरी लहर की वजह से देश में हर दिन बड़ी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. सरकार को डर है कि वैक्सीन की डोज न लगवा रहे लोग कहीं कोरोना की अगली लहर के लिए जिम्मेदार न बन जाएं. हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, देश में में वैक्सीनेशन की रफ्तार बेहद अच्छी है लेकिन अपनी बारी आने पर वैक्सीन की डोज न लेने वाले लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी ही होगी.
हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, देश में एक करोड़ यानी 10% लोग अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं ली है जबकि 25% लोग ऐसे हैं, जिनकी दूसरी dose अभी बाकी है. सबसे बड़ी चिंता का विषय है ऐसे साढ़े 6 करोड़ लोग हैं, जिनकी सेकंड डोज ओवर ड्यू हो चुकी है. सरकार ऐसे लोगों को रिमाइंडर भी भेज रही है कि वह अपनी वैक्सीन की डोज को पूरा करें.
160 करोड़ से ज्यादा डोज दी गईं
हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि अब तक कोविड वैक्सीन (covid vaccine) की 160.32 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी है. देश के 94 प्रतिशत वयस्कों को पहली डोज दी जा चुकी है जबकि 72 प्रतिशत लोग दोनों डोज ले चुके हैं. बात अगर 15-18 आयु वर्ग के बच्चों की करें तो ऐसे 52 फीसदी किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है.
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अधिकारियों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में इस आयु वर्ग के 91 प्रतिशत किशोरों ने पहली डोज ली है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में 83 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 71 प्रतिशत किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है.
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हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश समेत 12 राज्यों में सौ फीसदी वयस्क जनसंख्या को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक उम्र के 68,34,113 लोगों को वैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई हैं.
वैक्सीनेशन की वजह से मौत कम!
हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों का दावा है कि कोविड वैक्सीनेशन की वजह से इस बार दूसरी लहर जितने घातक हालात नहीं है. पहली और दूसरी लहर की तुलना से साफ है कि वैक्सीन लोगों को गंभीर हालात से बचा रही है. अप्रैल 2020 में यानी
दूसरी वेव में 3 लाख 86 हजार केस प्रतिदिन होने पर मौतें 3 हजार रोजाना थी. तब केवल 2% लोगों को वैक्सीन लगी थी.
पहली जनवरी से 20 जनवरी 2022 में केस 3 लाख के पार हैं लेकिन मौतें 380 हैं. अब 72% लोग पूरी तरह वैक्सीनेटिड हैं.
(रिपोर्टर- पूजा मक्कड़)
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