डीएनए हिंदी: सरकार ने समाजिक भेदभाव खत्म करने और अनुसूचित जातियों (SC)-अनुसूचित जनजातियों (ST) को सुरक्षा देने के लिए एक बड़ी पहल की है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (POA) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को तय करने के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की गई है.
यह हेल्पलाइन नंबर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से शुरू की गई है. एससी-एसटी वर्ग से जुड़े लोग अपनी समस्याएं इस हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज कर सकेंगे. मंत्रालय ने कहा कि एनएचएए हेल्पलाइन पूरे देश में टोल-फ्री नंबर 14566 पर चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगा. इसे देशभर में किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के मोबाइल या लैंडलाइन नंबर से वॉयस कॉल, वीओआईपी करके एक्सेस किया जा सकता है.
क्षेत्रीय भाषा में कर सकेंगे बात
यह सेवा हिंदी, अंग्रेजी और राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों की क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध होगी. इसका मोबाइल एप्लिकेशन भी उपलब्ध होगा. सिस्टम यह तय करेगा कि हर शिकायत को प्राथमिकी के रूप में दर्ज किया जाए. तत्काल शिकायतकर्ता की मदद की जाए. सभी रजिस्टर्ड शिकायतों की जांच की जाए और दायर किए गए सभी चार्जशीट पर निर्णय के लिए अधिनियम में दी गई समय-सीमा के भीतर अदालतों में केस चलाया जाए.
अधिकार के लिए किया जाएगा जागरूक
वेब आधारित सेल्फ सर्विस पोर्टल के तौर पर उपलब्ध एनएचएए नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम, 1955 और इसके नियमों के बारे में भी जागरूकता पैदा करेगा. पीओए अधिनियम, 1989 और पीसीआर अधिनियम, 1955 के आदेशों के न मानने पर पीड़ित, शिकायतकर्ता या गैर सरकारी संगठनों से मिली हर शिकायत के लिए एक डॉकेट नंबर दिया जाएगा.
शिकायत की स्थिति को शिकायतकर्ता, गैर सरकारी संगठनों द्वारा ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है. किसी भी पूछताछ का जवाब आईवीआर या ऑपरेटरों द्वारा हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में दिया जाएगा. यह हेल्पलाइन संपर्क के वन पॉइंट की अवधारणा को अपनाएगी और इसमें एक उचित प्रतिक्रिया प्रणाली होगी.
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