डीएनए हिंदी: आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले में बवाल की खबर है. यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने राज्य के मंत्री पी विश्वरूपू और सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस के विधायक पोन्नाडा सतीश के घरों में आग लगा दी. बताया जा रहा है ये लोग कोनसीमा जिले के नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे. कोनासीमा जिले का नाम बदलकर डॉ बीआर अम्बेडकर कोनासीमा करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है.
न्यूज एजेंसी ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले का नाम बदलने के प्रस्ताव केविरोध में प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ मंत्री और विधायक के घरों को आग लगाई बल्कि जमकर पत्थरबाजी भी की और पुलिस के एक वाहन को आग भी लगा दी. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.
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कैसे शुरू हुआ बवाल
कोनासीमा के अमलापुरम में मंगलवार को बवाल उस समय शुरू हुआ जब पुलिस ने कथित तौर पर कोनासीमा साधना समिति के नेताओं को जिला कलेक्टर कार्यालय में जाने से रोका और लाठीचार्ज का सहारा लिया. ये नेता जिले का नाम बदलने के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपने के लिए जाने वाले थे. समिति नव-सृजित कोनासीमा जिले का नाम बदलकर बी आर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने के प्रस्ताव का विरोध कर रही है.
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जैसे ही पुलिस ने समिति के नेताओं और कार्यकर्ताओं को खदेड़ने की कोशिश की, पथराव शुरू हो गया. इसके बाद कस्बे की दुकानें बंद होने लगी, जबकि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर हंगामा किया और एक स्कूल बस में आग लगा दी. बाद में वे परिवहन मंत्री विश्वरूपु के घर गए और आग लगा दी. हालांकि खतरे को भांपते हुए पुलिस ने तब तक मंत्रियों के परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था.
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बाद में प्रदर्शनकारियों ने मुम्मिडीवरम विधायक पोन्नादा सतीश के आवास को निशाना बनाया और आग लगा दी. सतीश ने कहा, "यह बहुत ही भयावह बात थी जब 1,000-1,500 लोगों की भीड़ ने आकर हमारे घर को जला दिया. वे बोतलों में पेट्रोल लिए हुए थे, जो स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि उन्होंने यह सब जानबूझकर किया." हालांकि उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया.
गृहमंत्री बोलीं- दोषियों को कठघरे में खड़ा करेंगे
राज्य की गृहमंत्री तानेती वनिता ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने आगजनी को भड़काया. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना में करीब 20 पुलिस कर्मियों को चोट आई हैं. हम मामले की जांच करेंगे और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे." दूसरी तरफ सभी विपक्षी दलों ने स्थिति को नियंत्रित करने में जगन मोहन रेड्डी सरकार पर ‘‘घोर विफलता’’ का आरोप लगाया. विपक्षी दलों ने लोगों से संयम बरतने और कोनासीमा में शांति सुनिश्चित करने की अपील की.
4 अप्रैल को बना है कोनासीमा जिला
उल्लेखनीय है कि चार अप्रैल को पूर्वी गोदावरी जिले से अलग कर कोनासीमा जिले का गठन किया गया था. पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने कोनासीमा जिले का नाम बदलकर बीआर आंबेडकर कोनासीमा जिला करने की प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर लोगों से आपत्ति आमंत्रित की थी. इस पृष्ठभूमि में कोनासीमा साधना समिति ने नाम बदलने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और जिले का नाम यथावत कोनासीमा रहने देने की मांग की.समिति ने मंगलवार को जिलाधिकारी हिमांशु शुक्ला को जिले का नाम बदलने के खिलाफ ज्ञापन देने का प्रयास करते हुए प्रदर्शन का आयोजन किया था.
#WATCH | MLA Ponnada Satish's house was set on fire by protestors in Konaseema district in Andhra Pradesh today, the protests were opposing the naming of the district as Dr BR Ambedkar Konaseema district pic.twitter.com/XzJskKqhz3
— ANI (@ANI) May 24, 2022
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Ambedkar के नाम पर जिले का नाम रखने का विरोध, मंत्री और विधायक का घर फूंका