डीएनए हिंदी: Lok Sabha Elections 2024- भाजपा को अगले साल लोकसभा चुनाव में साझी चुनौती देने की कोशिश में जुटा विपक्ष अब शिमला नहीं बेंगलुरु में मिलेगा. विपक्षी दलों की यह दूसरी 'महाएकता बैठक' होगी, जिसका आयोजन शिमला में किए जाने की घोषणा हुई थी. एनसीपी चीफ और वरिष्ठ विपक्षी नेता शरद पवार ने गुरुवार को ऐलान किया कि अब यह बैठक शिमला की जगह बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी. बैठक का आयोजन 13 और 14 जुलाई को किया जाएगा, जिसमें सभी विपक्षी दल शामिल होंगे. हालांकि पिछली बैठक को बीच में ही छोड़ देने वाले आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और बैठक में शामिल नहीं होने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर इस बार बैठक में आएंगे या नहीं, यह अब भी स्पष्ट नहीं हुआ है.
पटना में हुई थी पिछली बैठक, नीतीश बनाए थे संयोजक
विपक्षी दलों के साझा गठबंधन बनाने के लिए पहली संयुक्त बैठक 23 जून को पटना में आयोजित हुई थी. उस बैठक का आयोजन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था, जो साझा गठबंधन बनाने की कवायद की अगुआई कर रहे हैं. उस बैठक में हालांकि विपक्षी दल साझा गठबंधन की शेप तय नहीं कर पाए थे. महज यह फैसला हुआ था कि साझा गठबंधन के संयोजक नीतीश कुमार रहेंगे. उस समय अगली बैठक शिमला में होने की बात कही गई थी.
विपक्ष की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी: NCP प्रमुख शरद पवार pic.twitter.com/ekuBc6iLzD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2023
शरद ने अजित के डिप्टी सीएम बनने को बताया अपना जाल
शरद पवार ने गुरुवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक का आयोजन स्थल बदलने की जानकारी दी. उन्होंने साथ ही भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता के बिना नहीं रह सकती. ये सत्ता में बने रहने के लिए बेचैन हैं. उन्होंने कहा, अजित पवार के साथ मिलकर फडणवीस के सरकार बना लेने और सुबह शपथ ग्रहण करने ने साबित कर दिया कि भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए किसी का भी साथ ले सकती है. मैं यही साबित करना चाहता था और यह साबित हो गया. आप इसे मेरा जाल कह सकते हैं या कुछ और. यह आप खुद तय कर लीजिए.
किस घटना की बात कर रहे थे सीएम
दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था. शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से गठजोड़ कर महाआघाड़ी बना लिया था और सरकार बनाने का दावा किया था. इस पर भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. पहली रात गठबंधन तय किया और अगली सुबह शपथ ग्रहण हो गया. अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था. हालांकि फिर अजित पहुंचे ही नहीं थे, जिससे यह सरकार गिर गई थी.
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शिमला नहीं अब बेंगलुरु में होगी विपक्ष की महाएकता बैठक, जानिए शरद पवार ने किया क्या ऐलान