डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट में सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. इसी के तहत मंत्रियों के स्टाफ में महिला सचिवों की भी तैनाती की गई थी. यूपी सरकार की ओर से मंत्रियों के साथ महिला कर्मचारियों को भी लगाए जाने का आदेश जारी किया गया था, मगर अब इस आदेश को अब वापस ले लिया गया है.
इसके बाद अब उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के निजी सचिव, सहायक निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर महिलाओं की तैनाती नहीं करने का निर्णय लिया गया है. अब महिला मंत्रियों के साथ ही स्वेच्छा से महिला कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी.
क्या था मामला
योगी सरकार के मंत्रियों ने महिला कर्मचारियों के साथ काम करने को अव्यवहारिक बताया था. उन्होंने प्रैक्टिकल अप्रोच का हवाला देते हुए अपने स्टाफ में महिलाओं की जगह पुरुषों को तैनात करने की मांग की थी. इस बारे में सचिवालय प्रशासन के मुख्य सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि जिन मंत्रियों को महिला स्टाफ के साथ काम करने में परेशानी थी, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. इस बीच ज्यादातर कर्मचारियों ने रविवार और सोमवार को ही आवंटित मंत्रियों के स्टाफ में कार्यभार ग्रहण कर लिया है.
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महिला कर्मचारियों ने भी जताई थी अनिच्छा
मंत्रियों के साथ स्टाफ में शामिल की गई कुछ महिलाओं ने भी इस पर अनिच्छा जाहिर की थी. कहा गया था कि पुरुष मंत्रियों के साथ काम के अधिक घंटे, दूसरे शहरों की यात्रा और लोगों के साथ डील करना काफी चुनौतीपूर्ण है. इसे देखते हुए सरकार की ओऱ से महिला कर्मचारियों को भी यह छूट दे दी गई है.
ऑनलाइन थी व्यवस्था
इस बार कर्मचारियों की तैनाती की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया था. पूल से ऑनलाइन आवंटन के तहत कर्मचारियों को मंत्री के स्टाफ में नियुक्ति दी गई थी. ऐसे में किसी को इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी.
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Yogi Cabinet 2.0: महिलाओं के साथ काम करने को तैयार नहीं योगी के मंत्री, विरोध के बाद आदेश वापस