डीएनए हिंदी: वकील सौरभ कृपाल (Saurabh Kripal) देश के पहले समलैंगिक (Gay) जज हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 3 सदस्यीय कॉलेजियम ने सीनियर वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट का जज बनाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने की. उनके साथ जस्टिस यूयू ललित और एएम खानविलकर भी बैठक के दौरान मौजूद थे. कॉलेजियम की यह बैठक 11 नवंबर को हुई थी. 

2017 के बाद यह दूसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने सौरभ कृपाल को आधिकारिक तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट में जज के लिए रिकमंड किया गया है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने उनका नाम जज के लिए रिकमंड किया था. 2017 में जस्टिस गीता मित्तल ने उस वक्त एक्टिंग चीफ जस्टिस थीं. दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाहक जज ने ही इनका नाम जज के लिए प्रस्तावित किया था.

अगर सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त कर दिया जाता है तो वे देश के पहले गे जज होंगे जिन्होंने खुले तौर पर अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को स्वीकारा है. ऐसा माना जा रहा है कि सौरभ कृपाल के रिकमंडेशन में हुई देरी उनके सेक्सुअल ओरिएंटेशन की वजह से है. कानूनी हलकों में ऐसी चर्चा है.

कौन है सौरभ कृपाल?

सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल जस्टिस बीएन कृपाल बेटे हैं. जस्टिस बीएन कृपाल मई 2002 से नवंबर 2002 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश थे. वे भारत के 31वें चीफ जस्टिस थे.

सौरभ कृपाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से फिजिक्स में बीएससी (ऑनर्स) पूरा किया और फिर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. सौरभ कृपाल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एलएलएम (मास्टर्स इन लॉ) किया है. सौरभ कृपाल जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 

भारत में अपने 2 दशक के लॉ करियर में सौरभ कृपाल ने सिविल, कॉमर्शियल और संवैधानिक कानूनों से जुड़े हुए मामलों में दक्षता हासिल की है. 

समलैंगिक अधिकारों पर मुखर रहे हैं सौरभ कृपाल

मार्च 2021 में सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट के सभी 31 जजों ने सर्वसम्मति से सीनियर एडवोकेट नामित किया था. सार्वजनिक मंचों से सौरभ कृपाल खुद को समलैंगिक घोषित कर चुके हैं. वे लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर अधिकारों के लिए बोलते रहे हैं.

सौरभ कृपाल ने 'सेक्स एंड द सुप्रीम कोर्ट' नाम की एक किताब भी लिखी है. सौरभ कृपाल के पार्टनर का नाम निकोलस जर्मेन बैचमैन है. निकोलस यूरोप के रहने वाले हैं. स्विस एंबेसी और स्विस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ वे काम भी करते हैं. 

ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं कि सरकार ने सौरभ कृपाल के एलिवेशन को हरी झंडी नहीं दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि उनके पार्टनर चूंकि यूरोपियन हैं इस वजह से एक कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट हो सकता है.

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Meet Saurabh Kirpal likely to become India first gay judge
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भारत के पहले गे जज हो सकते हैं सौरभ कृपाल, समलैंगिकता पर लिख चुके हैं किताब
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सौरभ कृपाल (फाइल फोटो)
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