डीएनए हिंदी: Manipur Violence Latest News- मणिपुर में भीड़ के सरेआम दो युवतियों को सड़क पर नंगा घुमाने के वायरल वीडियो पर हर तरफ उबाल का माहौल है. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने घटना को जातीय हिंसा शुरू होने के अगले दिन यानी 4 मई की बताया है. साथ ही दावा किया है कि दोनों महिलाएं कुकी समुदाय की हैं और नंगा घुमाए जाने के बाद उनके साथ धान के खेत में गैंगरेप किया गया. इस वीडियो के वायरल होने पर मणिपुर पुलिस ने गुरुवार सुबह मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को पूरे देश के लिए शर्म की बात बताया है. उन्होंने कहा, मणिपुर की घटना शर्मिंदा करने वाली है. मणिपुर में बेटियों के साथ जो हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता. मैं देश से वादा करता हूं कि एक भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपना काम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी वायरल वीडियो को परेशान करने वाला बताया है. उधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस मुद्दे पर कहा, वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई। फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा
हालांकि विपक्षी दलों ने 77 दिन तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को घेर लिया है. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से पूछा है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को आखिर कब बदला जाएगा? विपक्ष ने यह मुद्दा संसद के मानसून सत्र में उठाने की बात कही है, जिससे संसदीय सत्र के हंगामेदार होने की संभावना बन गई है. हालांकि केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा कराने पर सहमति जताई है.
पीएम मोदी बोले- सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के वायरल वीडियो को सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना बताया है. उन्होंने कहा, मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है. गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें. खासतौर पर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाए.
मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें।… pic.twitter.com/6YcMUE1pOy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कठोर कार्रवाई कीजिए
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने के वायरल वीडियो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामल में केंद्र सरकार से कठोर कार्रवाई करने को कहा है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है.
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है: सुप्रीम कोर्ट
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भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है। pic.twitter.com/tevgPE7wM7
सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने पर रोक
केंद्र सरकार ने मणिपुर के वायरल वीडियो को शर्मनाक बताते हुए इसे सोशल मीडिया पर शेयर करने पर रोक लगा दी है. सरकार ने इसके लिए ट्विटर, फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी आदेश जारी कर दिया है.
क्या है वायरल वीडियो में
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसे मणिपुर का बताया जा रहा है. इस वीडियो में सैकड़ों पुरुषों की भीड़ दो नग्न महिलाओं को सरेआम सड़क पर धकेलती हुई खेत में लेकर जा रही है. ITLF का दावा है कि इसके बाद इन महिलाओं को खेत में ले जाकर उनके साथ कई लोगों ने सबके सामने गैंगरेप किया है. यह वीडियो मणिपुर में कुकी और मैती समुदायों के बीच 3 मई को भड़की जातीय हिंसा से अगले दिन यानी 4 मई का बताया जा रहा है. हालांकि सोशल मीडिया पर यह वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को सामने आया है, जिसके बाद हर तरफ गुस्से की लहर दौड़ गई है. मणिपुर पुलिस ने बुधवार की रात में ही बयान जारी करके इस मामले में हो रही कार्रवाई की जानकारी सभी के साथ साझा की थी, लेकिन लोगों ने घटना के 77 दिन बाद भी आरोपियों की पहचान तक नहीं कर पाने के चलते मणिपुर पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस ने पूछे मोदी सरकार से चार सवाल
इस वायरल वीडियो को कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा का वीभत्स रूप बताया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट में कहा, मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन और उस भयानक घटना के 77 दिन हो गए, जिसमे दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया और कथित तौर पर बलात्कार किया गया. मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए भी 63 दिन बीत गए हैं. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार से चार सवाल पूछे हैं. रमेश ने लिखा, क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी नहीं है? मोदी सरकार 'सबकुछ ठीक है' की तरह व्यवहार करना कब बंद करेगी? मणिपुर के सीएम को कब बदला जाएगा? ऐसी कितनी घटनाएं दबा दी गई हैं? उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध के कारण बाकी भारत को यह जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में इतनी भयानक घटना घटी है.
स्मृति ईरानी ने कहा, यह घटना पूरी तरह अमानवीय
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार रात में ट्वीट के जरिये इस घटना को पूरी तरह अमानवीय बताया है. उन्होंने लिखा, मणिपुर में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और पूरी तरह से अमानवीय है. सीएम एन बीरेन सिंह से बात की है, जिन्होंने बताया है कि जांच चल रही है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा. हालांकि जयराम रमेश ने स्मृति के इस बयान पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, महिला व बाल विकास मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात करने या बयान देने के लिए 76 दिन का इंतजार किया, जो बिल्कुल अक्षम्य है.
INDIA मानसून सत्र में वायरल वीडियो पर आज केंद्र को घेरेगा
मणिपुर के वायरल वीडियो को लेकर विपक्षी दलों ने संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार से जवाब मांगने की तैयारी कर ली है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार को इसकी चेतावनी भी दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा, मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, INDIA (विपक्षी गठबंधन) जवाब मांगेगा. चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी. संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाने के लिए मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के कई सांसदों ने कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं.
मणिपुर की घटना पर अब तक किसने क्या कहा है
- दिल दहलाने वाली है महिलाओं से यौन हिंसा की तस्वीरें: प्रियंका गांधी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट में कहा, मणिपुर से सामने आईं महिलाओं से यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं. इस भयावह घटना की जितनी निंदा हो, वो कम है. समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है. केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंखें मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?
- प्रधानमंत्री की चुप्पी से मणिपुर में अराजकता: राहुल गांधी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा, प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला हो रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.
- मणिपुर की घटना देश के सभी नागरिकों के लिए दर्दनाक: आप
मणिपुर के वायरल वीडियो को आम आदमी पार्टी ने दर्दनाक बताया है. AAP ने कहा, मणिपुर का वीडियो चौंकाने वाला है. केंद्र और राज्य सरकार हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. उनकी निष्क्रियता देश के सभी नागरिको के लिए दर्दनाक है. सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे असहाय महिलाओं की दुर्दशा और अपमान को ना बढ़ाएं. इस वीभत्स वीडियो को शेयर किए बिना ही इस घृणित अपराध के खिलाफ आवाज उठाएं. आप ने आगे कहा, हम फिर से मणिपुर में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. समस्या से आंखें मूंदने से यह दूर नहीं होगी. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट में लिखा, मणिपुर में हालात लगातार चिंताजनक हो रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे मणिपुर की स्थितियों पर ध्यान दें. वीडियो में दिखाए गए दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो. ऐसे व्यक्तियों के लिए भारत में कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
- राज्य सरकार दिख रही है असहाय: टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने मणिपुर हिंसा पर राज्य सरकार को असहाय बताया है. पार्टी की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने मणिपुर पहुंचने के बाद कहा, 78 दिन की हिंसा में मणिपुर तबाह होकर पूरी तरह जातीय आधार पर बंट गया है. राज्य सरकार असहाय दिख रही है. सभी समुदायों के लोग केंद्र व राज्य सरकार से नाखुश हैं. राहत शिविरों में शिशु आहार व अन्य राहत सामग्री का संकट है. राज्य सरकार के पास राहत शिविरों में रह रहे हजारों लोगों के पुनर्वास की कोई योजना नहीं है.
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मणिपुर कांड का मुख्य आरोपी अरेस्ट, PM बोले- देश के लिए शर्म की बात