डीएनए हिंदी: मणिपुर में 54 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. कुकी, नागा और मैतेई समुदायों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में राज्य में भीषण नुकसान हुआ है. कई घरों में आग लगाई जा चुकी है, सैकड़ों गाड़ियां फूंक दी गई हैं और घायलों की गिनती नहीं हो पा रही है.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक तो बुलाई है लेकिन हिंसा थमी नहीं है. राज्य सरकार का दावा है कि अब स्थिति नियंत्रण में है लेकिन जमीन पर हालात अब तक ठीक नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एन बीरेन सिंह सुरक्षाबलों के साथ संपर्क में बने हुए हैं. आइए जानते हैं अब तक क्या कुछ हुआ है.

इसे भी पढ़ें- Manipur violence: क्यों जल रहा है मणिपुर, मैतेई समुदाय के खिलाफ भड़कीं जनजातियां, क्या है विवाद की इनसाइड स्टोरी? पढ़ें

1. सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य का लॉ एंड ऑर्डर सुधर रहा है. 

2. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि हिंसा में शामिल दोनों समुदायों के बीच हुई बातचीत के बाद चुराचांदपुर में भी हालात ठीक हो रहे हैं. कुछ जगहों पर आंशिक तौर पर कर्फ्यू हटाया जा रहा है.

3.  इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तीन प्रमुख अस्पतालों में लाए गए शवों के बाद अब तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है. ये आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं. 

4. चुराचांदपुर में शुक्रवार की हिंसा में सात मौतें हुई थीं. पुलिस के मुताबिक़ इनमें से तीन लोग ऐसे थे, जो मैतेई लोगों को हटाने वाले लोगों पर हुई पुलिस फायरिंग में मारे गए थे. 3 मई से अब तक यहां 12 से ज्यादा लाशें आ चुकी हैं.

5. इम्फाल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में अब तक 26 शव आ चुके हैं. ऐसे ही दूसरे अस्पतालों से भी खबरें सामने आ रही हैं.

इसे भी पढ़ें- Manipur violence: क्या होता है शूट एट साइट ऑर्डर, किन स्थितियों में प्रशासन ले सकता है ऐसा फैसला?

क्यों भिड़े हैं मैतेई और कुकी? 

यह लड़ाई मैतेई बनाम कुकी, नागा और पहाड़ी जनजातियों की है. मैतेई समुदाय इंफाल तक सिमटा है लेकिन इसे जनजाति का दर्जा नहीं मिला है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर अनुसूचित जनजातियों (ST) की राज्य सूची में मैतेई समुदाय को शामिल करने के लिए केंद्र की सिफारिश को लागू करने का आदेश दिया था. इस आदेश पर हंगामा भड़का है. 

कुकी और दूसरी पहाड़ी जनजातियों का कहना है कि राज्य के संसाधनों पर मैतेई समाज का कब्जा है, अगर जनजाति का दर्जा मिला तो ये पहाड़ी हिस्सों में भी जमीनें खरीदेंगे, उनकी संस्कृति नष्ट करेंगे. मणिपुर के जलने की एक वजह एंटी ड्रग ड्राइव भी है, जिसे स्थानीय लोग मानते हैं कि जिसके फलने-फूलने में जनजातियों का हाथ है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Manipur violence death toll crosses 50 CM N Biren Singh holds all party meet Key pointers
Short Title
Manipur violence: 54 लोगों की मौत, नहीं सुधर रहे हालात, क्या है मणिपुर का हाल, 5
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
मणिपुर में भड़की हिंसा. (तस्वीर-PTI)
Caption

मणिपुर में भड़की हिंसा. (तस्वीर-PTI)

Date updated
Date published
Home Title

मणिपुर हिंसा: 54 से ज्यादा मौतें, नहीं सुधर रहे हालात, क्या है राज्य का हाल, 5 पॉइंट्स में जानें