डीएनए हिंदी: आज के दौर में बिना मोबाइल फोन (Mobile Phone) और टीवी (TV ) के रहना नामुमकिन सा लगता है लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि भारत में एक जगह ऐसी है जहां पर लोग 45 दिनों तक मोबाइल-टीवी और किसी मनोरंजन के साधन के बिना रहते हैं. यहां तक कि मंदिरों की घंटियों पर बैन लग जाता है. मनाली (Manali) के 9 गावों में ये सब किया जाता है देव आदेश से जुड़ी एक खास मान्यता के तहत जिसमें गांव के लोगों को लगभग डेढ़ महीने तक बिना शोर-शराबे के रहना होता है. सिर्फ गांव वाले ही नहीं बल्कि यहां आने वाले टूरिस्ट्स को भी इस देव आदेश का पालन करना पड़ता है.

नहीं सुनाई देती कोई आवाज

मनाली की उझी घाटी के 9 गांवों में एक खास मान्यता है जिसे लोग सदियों से मानते चले आ रहे हैं. लोग डेढ़ महीने तक अपने-अपने गांवों में एक-दम खामोशी भरा माहौल बनाए रखने की कोशिश करते हैं. यहां 42 से 45 दिनों तक एक बार भी ना तो कोई रेडियो-टीवी की आवाज सुनाई देती है और ना ही कभी मोबाइल की रिंगटोन बजती है. इसके साथ ही मंदिरों की घंटियां भी बांध कर रख दी जाती हैं ताकि गलती से भी बज ना जाएं. यहां आने वाले सैलानियों को भी ये सारे नियम फॉलो करने पड़ते हैं.

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धरती पर आते हैं देव

बताया जाता है कि इन गांवों के लोग इसे आराध्य देवों गौतम-व्यास ऋषि और नाग देवता का 'देव आदेश' मानते हैं. लोगों का मानना है कि मकर संक्राति के बाद गांव के आराध्य देवी-देवता धरती पर आकर तपस्या में लीन हो जाते हैं और उनकी तपस्या में कोई विघ्न ना पड़े इसलिए लोग गांव में पूरी तरह शांति बनाए रखने के लिए टीवी, रेडियो, मोबाइल को बंद कर देते हैं. यहां तक कि लोग खेत-खलिहान का रुख भी नहीं करते हैं. बता दें कि मनाली के ये नौ गांव गौशाल, कोठी, सोलंग, पलचान, रूआड़, कुलंग, शनाग, बुरूआ और मझाच हैं.
 

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Manali 9 Villages where Mobile Phone TV and Temple bells go silent for 45 days after Dev Aadesh during Winter
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Manali के 9 गांवों में आता है देव आदेश: जानें-क्यों बैन हो जाते हैं टीवी-मोबाइल?
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मनाली का गांव

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