डीएनए हिंदी: Chusul war Memorial Updates- चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख के रेजांग-ला में बना 1962 के शहीदों के वॉर मेमोरियल पर विवाद शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर इस वॉर मेमोरियल को चीन के साथ समझौते के कारण ध्वस्त कर दिए जाने के दावे के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इस मेमोरियल को तोड़कर शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साथ ही यह भी कहा कि क्या ये सच नहीं है कि गलवान में 20 सेना के जवानों के प्राणों की आहुति के बाद मोदी जी ने चीन को क्लीन चिट थमा दी है? बता दें कि चुशुल के काउंसलर खोंचोक स्टानजिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर ये दावा किया है कि रेजांग-ला में स्थित 1962 के वॉर मेमोरियल को तोड़ना पड़ा है. यह कार्रवाई गलवां घाटी की झड़प के बाद चीन के साथ चल रही बातचीत में इस इलाके को बफर जोन (ना भारत का और ना चीन का) घोषित करने पर सहमति बनने के कारण हुई है. हालांकि केंद्र सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पहले जान लीजिए क्यों बनाया गया था ये वॉर मेमोरियल
1962 में चीन के साथ युद्ध में लद्दाख के रेजांग-ला के इलाके में 13 कुमाऊं रेजीमेंट की एक टुकड़ी की तैनाती की गई थी. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में तैनात टुकड़ी में ज्यादातर जवान हरियाणा के रहने वाले थे. इनमें से भी अधिकतर जवान रेवाड़ी जिले के एक गांव के थे. इन जवानों को माइनस से भी कई डिग्री कम तापमान वाले इलाके में पतली सूती पैंट-कमीज और ऊनी जर्सी में तैनात कर दिया गया था, जबकि इनमें से ज्यादातर को इतनी ठंड में कभी रहने का अनुभव भी नहीं था. इसके बावजूद इन जवानों ने 'आखिरी गोली-आखिरी दुश्मन' तक चीनी सेना का सामना किया था. मेजर शैतान सिंह समेत सभी 114 जवान शहीद हो गए थे, लेकिन करीब 1,300 चीनी सैनिकों को उन्होंने मारकर यह चोटी बचा ली थी. मेजर शैतान सिंह को बाद में सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया था. इन जवानों की याद में ही रेजांग-ला में वॉर मेमोरियल बनाया गया था, जिस पर हर साल कार्यक्रम आयोजित होता है.
This landmark at Rezang-La held immense significance, honoring the courageous soldiers of "C" Coy 13 Kumaon. Sadly, it had to be dismantled during the disengagement process as it falls in the buffer zone. Let's remember and honor their bravery! 🙏 #RezangLa #Kumaon #BraveSoldiers pic.twitter.com/UILzTeNYsi
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) December 25, 2023
कांग्रेस ने पूछे हैं सरकार से ये 3 सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रेजांग-ला वॉर मेमोरियल को तोड़ने की खबरों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, चीन पर 'लाल आंख' तो ली मूंद, अपमानित की वीर जांबाज़ों के बलिदान की हर बूंद. इसके बाद उन्होंने आगे लिखा, भारत माता के वीर सपूत एवं परमवीर चक्र से सम्मानित, 1962 रेजांग-ला युद्ध के महानायक, मेजर शैतान सिंह के चुशूल, लद्दाख स्थित मेमोरियल को 2021 में ध्वस्त किये जाने की खबर बेहद पीड़ादायक है. इसके बाद खड़गे ने मोदी सरकार से तीन सवाल पूछे हैं-
- खबरों के मुताबिक़, क्या ये इसलिए किया गया, क्योंकि चीन के साथ बातचीत के बाद से अब वो भारतीय क्षेत्र, बफ़र ज़ोन में आ गया है? भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की एक वाक्य की टिप्पणी कुछ नहीं कहती है.
- क्यों मोदी जी और शी जिंनपिग के 2014 से आजतक 20 मेल-मिलापों के बाद भी, भारत को देपसांग प्लेन, पैंगोंग त्सो, डेमचौक और गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र पर मई 2020 के पहले की अपने हिस्से की वस्तुस्थिति बरकरार रखवाने में मोदी सरकार विफल रही है?
- क्या ये सच नहीं है कि गलवां में 20 सेना के जवानों के प्राणों की आहुति के बाद मोदी जी ने चीन को क्लीन चिट थमा दी है?
'भाजपा ने दिया नकली देशभक्त होने का सबूत'
खड़गे ने आगे लिखा, मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की C कंपनी द्वारा रेजांग ला की रक्षा के लिए 113 वीर जवानों का सर्वोच्च बलिदान देश का गौरव है. भाजपा ने उनके मेमोरियल को धराशायी कर देश को एक बार फ़िर अपने नकली देशभक्त होने का सबूत दिया है. दुखद है कि यह सरकार चीनी मंसूबों के आगे घुटने टेक चुकी है.
चीन पर “लाल ऑंख” तो ली मूँद,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 30, 2023
अपमानित की वीर जाँबाज़ों के बलिदान की हर बूँद !
भारत माता के वीर सपूत एवं परम वीर चक्र से सम्मानित, 1962 रेजांग-ला युद्ध के महानायक, मेजर शैतान सिंह के चुशूल, लद्दाख स्थित मेमोरियल को 2021 में ध्वस्त किये जाने की ख़बर बेहद पीड़ादायक है।
1. ख़बरों… pic.twitter.com/fFiCiHI3np
लद्दाख से भाजपा सांसद ने कही है ये बात
चुशूल के काउंसलर खोंचोक स्टानजिन ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इस वॉर मेमोरियल को साल 2021 में ध्वस्त कर दिए जाने का दावा किया था. इस बारे में केंद्र सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग छेरिंग नामग्याल ने BBC Hindi से कहा कि मेजर शैतान सिंह के पुराने मेमोरियल को हटाए जाने का संबंध बफर जोन से नहीं है. उन्होंने कहा कि पुराना मेमोरियल छोटा था, इसलिए उसे तोड़कर अब बड़ा बनाया गया है. उन्होंने इस इलाके को बफर जोन घोषित किए जाने के दावे का भी खंडन किया है. उन्होंने कहा कि चुशूल की आबादी अब भी वहीं रह रही है. वहां की सड़कें भी वैसी ही हैं.
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चीन से समझौते के कारण टूटा 1962 युद्ध का वॉर मेमोरियल? कांग्रेस बोली 'मोदी सरकार ने किया शहीद जवानों का अपमान'