Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के 13 दिन बाद बनी महायुति गठबंधन सरकार में क्या सबकुछ ठीक है? यह सवाल हर कोई पूछ रहा है, क्योंकि पूर्ण बहुमत के बावजूद पहले ही सरकार बनने में देरी हुई और उसके बाद अब कैबिनेट विस्तार में भी देरी हो रही है. कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना (शिंदे) के चीफ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) नाराज हैं, जिन्हें राज्य की टॉप पोस्ट BJP के लिए छोड़कर एक पायदान नीचे डिप्टी सीएम के पद पर जाना पड़ा है. यह सवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी शनिवार को उस समय पूछा गया, जब वे एक कार्यक्रम में शामिल होकर जनता के सवालों का जवाब दे रहे थे. हालांकि शाह ने शिंदे की नाराजगी की खबरों को महज मीडिया की अटकलें बताकर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा,'हम शिंदे के साथ ढाई साल पूरे विश्वास के साथ खड़े रहे हैं. इस बार उनकी सीटें भी पहले से ज्यादा हैं. ऐसे में शिंदे के नाराज होने का कोई कारण ही नहीं है. यह मीडिया है जो लोगों की नाराजगी ढूंढती रहती है.'
'पहले से तय था सीएम चुनाव के बाद तय होगा'
गृह मंत्री अमित शाह ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा,'हमारे पास पिछली बार भी ज्यादा सीट थी, लेकिन तब हमने शिंदे को सीएम बनाया था. उनके साथ हर मोर्चे पर डटे रहे. इस बार पहले से ही तय था कि सीएम का नाम चुनाव के बाद तय होगा. इसलिए ना तो कोई नाराज है और ना ही किसी को नाराजगी पालने की जरूरत है.' उन्होंने कैबिनेट के चेहरे तय होने की प्रक्रिया भी पहले से तय कार्यक्रम के हिसाब से चलने की बात कही है.
'सब मिलकर तय करेंगे बिहार में चेहरा'
अमित शाह से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) को लेकर भी सवाल पूछा गया. उनसे पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र का असर बिहार पर पड़ेगा. क्या अगले चुनाव में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही NDA का चेहरा होंगे? इस पर शाह बोले,'यह तय करना पार्टी संसदीय बोर्ड और नीतीश जी की पार्टी का अधिकार है. सब मिलकर तय करेंगे बिहार में चेहरा और फिर यह बता दिया जाएगा. एनडीए में कोई दरार नहीं आने वाली है.'
क्या हुआ है महाराष्ट्र में
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए थे, जबकि 23 नवंबर को उसका रिजल्ट आया था. इसमें भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल की थी. चुनाव के दौरान जब भी रिजल्ट के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले चेहरे को लेकर सवाल पूछा गया था तो हर बार घुमाने वाला जवाब दिया गया था. कई बार एकनाथ शिंदे के ही चेहरा होने की तरफ इशारा किया गया था. इसके बावजूद रिजल्ट के बाद भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) मुख्यमंत्री पद पर एकमत नहीं हो सके थे. तीनों दलों के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाकर अमित शाह और जेपी नड्डा ने भी इसका हल निकालने की कोशिश की थी. शिंदे ने मुख्यमंत्री पद बीजेपी के लिए छोड़ने की घोषणा कर दी थी, लेकिन दिल्ली से लौटते ही वे अपने गांव चले गए और रहस्यमयी बुखार से बीमार हो गए. इसके चलते अफवाहों को पंख मिल गए. हालांकि आखिरकार सरकार ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व में 6 दिसंबर को शपथ ग्रहण कर लिया, जिसमें अजित पवार (Ajit Pawar) और एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बने हैं. शपथ ग्रहण के बाद से अब गाड़ी मंत्रिमंडल विस्तार पर अटकी हुई है.
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