डीएनए हिंदी : आपने ओह माई गॉड (Oh My God) फिल्म देखी होगी जिसमें कानजी लालजी मेहता की भूमिका निभा रहे अभिनेता परेश रावल अपने नुकसान की भरपाई के लिए भगवान के खिलाफ ही केस दर्ज कर देते हैं. फिल्म से अलग हटकर यथार्थ में अदालत ने ही भगवान को कोर्ट में बुलाया है क्योंकि कुंभकोणम की निचली अदालत ने एक केस में भगवान को समन जारी कर दिया. इस मामले में मद्रास हाइकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के रद्द करते हुए कार्यवाही पर हैरानी जताई है.
मद्रास हाइकोर्ट ने जताई हैरानी
दरअसल निचली अदालत के भगवान को समन भेजने वाले आदेश पर मद्रास हाइकोर्ट ने हैरानी जताई है. हाइकोर्ट ने कहा, "भगवान' को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है?" आपको बता दें कि निचली अदालत ने तिरुपुर जिला स्थित परमसिवन स्वामी मंदिर के अधिकारियों को मूलावर की प्रतिमा को सत्यापन के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. ये वही प्रतिमा है जो चोरी हो गई थी. इसके मिलने के बाद धार्मिक अनु्ष्ठानों के आधार पर इसे स्थापित किया था लेकिन अब निचली अदालत ने मूर्ति को ही कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिया.
निचली अदालत की हुई आलोचना
इस केस में निचली अदालत की कार्रवाई पर हैरानी जताते हुए मद्रास हाइकोर्ट जस्टिस आर सुरेश कुमार ने कहा, "निचली अदालत को प्रतिमा की वास्तविकता का निरीक्षण और सत्यापन करने के लिए वकील-आयुक्त को नियुक्त करना चाहिए था." इसके साथ ही मद्रास हाइकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को भी रद्द कर दिया है.
वहीं इस मामलें में याचिकाकर्ता ने बताया प्राचीन मंदिर में मूर्ति चोरी हो गई थी और मिलने के बाद में पुलिस ने संबंधित अदालत (कुंभकोणम में मूर्ति चोरी के मामलों से निपटने वाली विशेष अदालत) के समक्ष पेश किया गया था. वहीं स्थापना और पूजन के बाद अब निचली अदालत ने मूर्ति के लिए ही समन जारी कर दिया जिसको लेकर वहां के श्रद्धालुओं में आक्रोश है.
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