डीएनए हिंदी: Gwalior Judge Car Snatching Case- मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में रेलवे स्टेशन के बाहर एक जज की कार छीनकर भागने के दो आरोपी छात्रों को जमानत मिल गई है. दोनों छात्र 12 दिसंबर से जेल में बंद थे. निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज होने पर दोनों छात्रों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अपील की थी. हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अर्जी पर सुनवाई शुरू करने के बाद छात्रों का पक्ष सुना. कार छीनने का कारण सुनते ही जज ने कहा, यह काम आरोपियों ने एक नेक काम के लिए किया था. इसे अपराध नहीं कहा जा सकता. ऐसे में अदालत को इन्हें जमानत देने में दिक्कत नहीं है. इसके बाद हाई कोर्ट बेंच ने दोनों छात्रों हिमांशु श्रोत्री और सुकृत शर्मा को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया.  

वाइस चांसलर को हार्ट अटैक आने पर बचाना चाहते थे उनकी जान

दरअसल, दोनों आरोपी छात्र 10 दिसंबर को दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहे थे. इसी ट्रेन के उसी कोच में दिल्ली से झांसी जाने के लिए एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर रंजीत सिंह यादव भी बैठे हुए थे. सफर के दौरान प्रोफेसर यादव को अचानक हार्ट अटैक आ गया. इसकी जानकारी अटेंडेंट को दी गई, तो उसने ग्वालियर स्टेशन के बाहर एंबुलेंस पहुंचने की जानकारी दी. हिमांशु और सुकृत वाइस चांसलर को लेकर रेलवे स्टेशन के बाहर आए, लेकिन वहां कोई एंबुलेंस नहीं थी. एक जज का ड्राइवर कार लेकर खड़ा था. हिमांशु और सुकृत ने उससे कार छीनकर वाइस चांसलर को उसमें बैठाया और अस्पताल ले गए. हालांकि अस्पताल में वाइस चांसलर का निधन हो गया.

जज के ड्राइवर ने कहा था- दूसरी कार बुलाता हूं

हिमांशु और सुकृत के खिलाफ जज के ड्राइवर ने FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद 12 दिसंबर को ग्वालियर पुलिस ने दोनों को तलाश करके गिरफ्तार कर लिया था. ड्राइवर के मुताबिक, उसने वाइस चांसलर को हार्ट अटैक आने की बात कहने पर दोनों से दूसरी कार का इंतजाम कर देने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं माने और कार लूटकर चले गए. ड्राइवर का कहना है कि इसके चलते उसके पास FIR कराने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. निचली अदालत ने दोनों छात्रों के वकील की तरफ से दी गई दलील को नहीं माना और उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी.

अभियोजन पक्ष ने भी नहीं किया जमानत का विरोध

दोनों छात्रों के कार लूटने का कारण जानकर हाई कोर्ट की जस्टिस सुनीता यादव ने इसे संवेदनशील नजरिये से देखने की बात मानी. अभियोजन पक्ष ने भी कारण जानने के बाद छात्रों की जमानत का विरोध नहीं किया. इसके बाद दोनों को जमानत दे दी गई है. दोनों छात्रों के वकील भानू प्रताप सिंह चौहान के मुताबिक, छात्रों ने नेक काम के लिए जज की कार कब्जाई थी. उन्होंने कोई अपराध नहीं किया था. इसी कारण ग्वालियर बेंच ने संवेदनशीलता दिखाते हुए फैसला लिया है. 

मध्य प्रदेश के सीएम और पूर्व सीएम ने भी की तारीफ

हिमांशु और सुकृत भाजपा के छात्र संगठन ABVP से जुड़े हुए हैं. इस कारण उनके साथियों ने पूरी घटना की जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी दी थी. इसके बाद दोनों ने जेल में बंद छात्रों से बात की थी और कहा था कि उन्होंने बेहतर काम किया है और उन्हें मदद जरूर मिलेगी.

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Madhya Pradesh high court grants bail to students who snatched car from judge for saved vice Chancler life
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जज की कार छीनकर भागे स्टूडेंट थे जेल में बंद, लूट का कारण जानते ही हाई कोर्ट ने
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जज की कार छीनकर भागे स्टूडेंट थे जेल में बंद, लूट का कारण जानते ही हाई कोर्ट ने दे दी जमानत

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