डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. किसानों ने इसका विरोध करते हुए 9 अगस्त 2020 से आंदोलन शुरू किया था लेकिन इस आंदोलन के चलते सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.   

किसानों के विरोध के कारण अक्टूबर 2020 से टोल राजस्व में 2,731.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके चलते हरियाणा को सबसे अधिक नुकसान हुआ. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इसके बारे में जानकारी दी.

मंत्री ने सांसद अनिल अग्रवाल के एक सवाल के जवाब में कहा, "शुरुआत में अक्टूबर 2020 में आंदोलनकारी किसानों द्वारा पंजाब में टोल प्लाजा को गैर-परिचालन कर दिया गया था. इसके बाद यह पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान में फैल गया. जिसके चलते कई टोल प्लाजा बंद हो गए. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को इस आंदोलन से राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.


सरकार ने कहा कि आंदोलन के कारण 60 से 65 राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा प्रभावित हुए, जिसके परिणामस्वरूप कुल 2,731.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

इसके चलते सार्वजनिक वित्त पोषित टोल प्लाजा को 1,381.03 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. निजी रूप से मैनेज किए जा रहे बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) और ओएमटी (ऑपरेट-मेंटेन-ट्रांसफर) टोल प्लाजा में 1,350.29 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


हरियाणा में टोल प्लाजा को सबसे अधिक 1,319.61 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ, इसके बाद पंजाब को 1,269.42 करोड़ रुपये और राजस्थान को 142.29 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

आंदोलन के कारण 65 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित हुए हैं. वहीं रेलवे को 36.87 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. वहीं इसके चलते 1,879 ट्रेनें बाधित रहीं. गडकरी ने कहा कि सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान 12 हजार किलोमीटर के नेशनल हाइवे बनाने का लक्ष्य रखा है.

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The loss of 2731 crores due to the farmers' movement, the government gave these figures
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किसानों ने किस तरह किया 2731 करोड़ का नुकसान, जानिए
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