Lok Sabha Elections 2024: ओडिशा (Odisha) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अकेले चुनाव लड़ेगी. राज्य में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने शुक्रवार शाम को कहा कि पार्टी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.
बीजू जनता दल (BJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला तैयार नहीं हो सका था. दोनों पक्ष एक-दूसरे की मांगों को मानने को तैयार नहीं हैं.
गठबंधन को लेकर नहीं बनी बात
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल शुक्रवार को दिल्ली दौरे के बाद ओडिशा लौट आए. उन्होंने दावा किया कि गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है और बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी.
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मनमोहन सामल ने कहा, 'हम राज्य में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारियों पर केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली गए थे. बैठक के दौरान किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन या सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई.'
मनमोहन सामल ने कहा कि ओडिशा बीजेपी अपने बल पर चुनाव लड़ेगी और जीतेगी.
निर्णयहीन रही दिल्ली की वार्ता
बीजेडी नेता वीके पांडियन और प्रणब प्रकाश दास ने बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए दिल्ली में चर्चा की लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही. वे गुरुवार शाम एक चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली आए थे. अब सभी बेजेडी नेता भुवनेश्वर लौट आए हैं. बीजेडी नेताओं ने अभी गठबंधन पर चुप्पी साधी है.
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बीजेपी-बीजेडी गठबंधन की क्या हैं रुकावटें?
पहले ऐसे दावे किए जा रहे थे कि दोनों पार्टियां गठबंधन के लिए सहमत हो गई हैं; हालांकि, दोनों अब सीटों में अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं. PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेडी ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से 100 से ज्यादा सीटों की मांग की है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया, 'बीजद लगभग 75 प्रतिशत विधानसभा सीटों की मांग कर रही है जो हमें स्वीकार्य नहीं है. ऐसी स्थिति से राज्य में भगवा पार्टी की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.'
बीजेपी चाहती है कि राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 14 सीटें बीजेपी के खाते में आएं, जिसके लिए बीजेडी तैयार नहीं है. बीजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अगर हम 10 से कम लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो यह हमारे लिए आत्मघाती होगा.'
कैसे रहे हैं नवीन पटनायक और बीजेपी के रिश्ते?
नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी ने 2019 में ओडिशा विधानसभा चुनाव में 112 सीटें जीती थीं. उन्होंने 12 लोकसभा सीटें जीतीं; बीजेपी ने आठ सीटें जीतीं.
BJP और बीजेडी 1998 से 2009 के बीच सहयोगी रहे हैं. नवीन पटनायक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में इस्पात और खान मंत्री भी रह चुके हैं.
गठबंधन ने 1998 के आम चुनावों में 48.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 21 में से 17 सीटें जीतीं थीं. गठबंधन ने 1999 में 19 सीटें हासिल कीं लेकिन साल 2004 में यह आंकड़ा 18 पर आ गया. अब नई संभावनाएं बन रही थीं लेकिन ऐसा लग रहा है कि गठबंधन नहीं हो सकेगा.
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ओडिशा में अकेले लड़ेगी BJP, BJD से क्यों नहीं बन पाई बात?